Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद में अर्थशास्त्र विभाग के सौजन्य से संघीय बजट 2022 -23 पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर के सामाजिक विज्ञान विभाग की डीन और अर्थशास्त्र विभाग की चेयर पर्सन डॉक्टर सोनू मदान मुख्य वक्ता रही। डॉक्टर सोनू जो आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत हरियाणा प्रांत के रेवाड़ी जिले की संचालिका भी है, ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बजट 2022 -23 के सभी मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। इस बजट टॉक शो में आर्य शिक्षक रतन पुरस्कार से सम्मानित और एमडीयू- सेंटर फॉर प्रोफेशनल एंड एलाइड स्टडीज, गुरुग्राम की निर्देशिका और अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर संतोष नंदल जी ने अध्यक्षता की।
बजट 2022-23की परिचर्चा का प्रारंभ मंच संचालिका और टॉक शो की कार्यकारी सचिव डॉ सुमन तनेजा ने की। उन्होंने इस बजट को अत्यंत दूरदर्शी बताते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके दीर्घकालीन प्रभाव पड़ने की आशा व्यक्त की।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर सविता भगत ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि डीएवी शताब्दी महाविद्यालय प्रति वर्ष फरवरी माह में बजट टॉक शो का आयोजन करता चला आ रहा है जिससे विद्यालय के सभी वर्ग के लोग बजट की प्रमुख बातों को जान सके और समझ सके। उन्होंने यूनियन बजट निर्माण से जुड़ी तैयारियों, बजट का महत्व और भारतीय अर्थव्यवस्था में इस बजट के लागू होने से उत्पन्न भावी संभावनाओं पर चर्चा की। कॉलेज की प्राचार्या जो स्वयं अर्थशास्त्र विभाग की सीनियर प्रोफेसर है, उन्होंने इस बजट टॉक शो में छात्रों को रेवेन्यू एक्सपेंडिचर और कैपिटल एक्सपेंडिचर की राशि से अवगत कराते हुए गत वर्ष की अपेक्षाकृत पूंजीगत खर्चों में तकरीबन 24.5 % वृद्धि की बात कही।
बजट टॉक शो की मुख्य वक्ता डॉक्टर सोनू मदान जो कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी और पंजाब यूनिवर्सिटी की एलुमनाई भी है, उन्होंने बड़ी बारीकी से बजट से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर प्रकाश डाला। डॉक्टर सोनू ने बड़ी सरलता से और विस्तृत रूप से संघीय बजट के चार मुख्य स्तंभ जैसे प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना, भारतीय अर्थव्यवस्था में शिक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य, कृषि एवं कृषि से संबंधित उद्योग, निर्माण उद्योग जैसे प्रत्येक सेक्टर के विकास से जुड़ी योजनाओं एवं संभावनाओं पर प्रकाश डाला। चार मुख्य स्तंभों में से उन्होंने उत्पाद प्रबंधन और विनियोग प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियों को छात्रों के साथ सांझा किया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र में शोध एवं विकास को बढ़ावा देने की प्रशंसा की।साथ ही डॉक्टर सोनू ने बजट में आय के स्रोतों और खर्चों के स्रोतों से छात्रों का परिचय कराया।
बजट टॉक शो की अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर संतोष नंदल ने डॉक्टर सोनू के द्वारा दी गई जानकारियों को महत्वपूर्ण बताते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि यह सर्वविदित है कि न केवल विकासशील देश बल्कि पूरा विश्व कोरोना महामारी के प्रकोप से वित्तीय संकट की मार झेल रहा है। इसीलिए भारत सरकार द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को इस महामारी के विकराल प्रभाव से बाहर निकालने के लिए और आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए विशेष रुप से इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े पूंजीगत खर्चों को प्राथमिकता दी गई है। पूंजीगत खर्चों में वर्चुअल संपत्तियों के साथ-साथ डिजिटल यूनिवर्सिटी का निर्माण और कृषि क्षेत्र में ई स्किल्ड लैब के साथ साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नयी तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस बजट परिचर्चा में 100 से भी अधिक छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भाग लिया। परिचर्चा के अंत में कार्यक्रम के समन्वयक अर्थशास्त्र विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर डीपी वैद्य ने मुख्य वक्ताओं का धन्यवाद करते हुए टॉक शो के आयोजन से जुड़े सभी सदस्यों का भी धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम का आयोजन ज़ूम प्लेटफार्म पर वाणिज्य विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर श्री ई एच अंसारी के सहयोग से किया गया।