Faridabad NCR
स्वामी दयानंद सरस्वती जन्मोत्सव पखवाड़े का अष्टम दिवस
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डी ए वी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद में महाविद्यालय आर्य समाज इकाई एवं संस्कृत छात्र परिषद के संयुक्त तत्वाधान में मनाए जा रहे स्वामी दयानंद जन्मोत्सव पखवाड़े के आज आठवें दिन बी कॉम( एस एफ एस) विभाग के द्वारा यज्ञ का आयोजन किया गया। इस यज्ञ में विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ अर्चना भाटिया के साथ डॉ अर्चना सिंघल, मैडम नीति नागर, मैडम मीनाक्षी आहूजा आदि के साथ विभाग के विद्यार्थी भी मौजूद रहे। संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं इस पखवाड़े के संयोजक डॉ अमित शर्मा ने यज्ञ के आचार्य का पद अलंकृत किया। इस अवसर पर डॉ अर्चना भाटिया ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपनी शिक्षा-योजना में प्राचीन एवं आधुनिक भारतीय आदर्शों का सुन्दर समन्वय किया है, शिक्षा को अन्धविश्वासों, आर्थिक विषमताओं, धार्मिक संकीर्णताओं एवं जाति-पाति के बन्धनों से पृथक् रखकर, सब वर्णों के पुरुषों एवं स्त्रियों को शिक्षा प्राप्त करने का समान अधिकार प्रदान किया है। इस योजना के कारण ही उनको वैदिक शिक्षा-पद्धति, शिक्षा-प्रसार एवं जीवनोन्नति के प्रवर्तक एवं मार्गदर्शन पर प्रतिष्ठित किया जाता है। डॉ अर्चना सिंघल ने कहा कि स्वामी जी के अनुसार जीवन में शिक्षा का अत्यंत महत्त्व है, शिक्षा के बिना मनुष्य केवल नाम का आदमी होता है। यह मनुष्य का कर्त्तव्य है कि वह शिक्षा प्राप्त करे, सदाचारी बने, द्वेष से मुक्त हो और देश, धर्म तथा समाज के लिए कार्य करे। स्वामी दयानंद जी के विचार में शिक्षा मनुष्य को ज्ञान, संस्कृति, धार्मिकता, आत्मनियंत्रण, नैतिक मूल्यों और धारणीय गुणों को प्राप्त करने में मदद करती है और मनुष्य में विद्यमान अज्ञानता, कुटिलता तथा बुरी आदतों को समाप्त करती है। इसके साथ ही सभी को प्रतिदिन नियमित रूप से यज्ञ करना चाहिए। यह हमारी भारतीय संस्कृति की एक बहुत बड़ी विशेषता है। सभी प्राध्यापकों ने आगामी परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को अपनी शुभ कामनायें दी। इसके पश्चात सभी ने योगाचार्य उमेश कुमार एवं योग के विद्यार्थियों के साथ मिलकर सूर्य नमस्कार आसन किया। इस पखवाड़े का आयोजन महाविद्यालय की आर्य समाज इकाई एवं संस्कृत छात्र परिषद के द्वारा किया जा रहा है।