Faridabad NCR
स्वामी दयानंद सरस्वती जन्मोत्सव पखवाड़े का समापन दिवस
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद में महाविद्यालय आर्य समाज इकाई एवं संस्कृत छात्र परिषद के संयुक्त तत्वाधान में मनाए जा रहे स्वामी दयानंद जन्मोत्सव पखवाड़े के आज समापन दिवस के अवसर पर यज्ञ का आयोजन किया गया।यज्ञ के उपरांत महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के द्वारा एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान के व्याख्याता श्री हर्षप्रिय आर्य जी,अध्यक्ष, एच आर,जे बी एम समूह गुरुग्राम एवं श्रीमती विभा आर्या जी, धर्म शिक्षिका, संस्कृत अध्यापिका, एमिटी विद्यालय तथा युवा आर्या वीरांगना इकाई गुरुग्राम की अध्यक्षा रहीं। श्री आर्या जी ने अपने व्याख्यान में महर्षि दयानंद सरस्वती जी के ऋषि से महर्षि बनने एवं असत्य से सत्य की ओर अग्रसित होने एवं उनके उपकारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एक स्वामी जी ही थे जिनके प्रयत्नों से स्त्री जाति का उद्धार हुआ। विधवा विवाह को समाज मे मान्यता मिली, स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार मिला और सती प्रथा का अंत हुआ और बाह्याडम्बरों एवं अंधविश्वासों से मुक्ति मिली। जनमानस उनके द्वारा किये उपकारों को कभी नही भूला सकता। श्रीमती आर्या ने सभी को आर्या वीरांगना सभा के कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि स्त्रियों को कभी डरना नही चाहिए स्वयं आत्मनिर्भर बनकर रहना चाहिए।स्वामी जी भी यही चाहते थे। समाज का उपकार करते करते उन्होंने हंसते हंसते समाज के लिए ही अपने प्राणों की आहुति दे दी ।महाविद्यालय कार्यकारी प्राचार्या डॉ सविता भगत ने सभी को स्वामी जी के जन्मदिवस की शुभ कामनायें दिन तथा पिछले 14 दिन से महाविद्यालय में चल रहे पखवाड़े के दौरान हुए कार्यक्रमों की संक्षिप्त रूपरेखा सभी के सामने रखी। इस अवसर पर श्री अरुण भगत जी, श्री मुकेश बंसल जी, डॉ नरेंद्र दुग्गल,डॉ अर्चना सिंघल, डॉ अंजु गुप्ता,महाविद्यालय आर्य समाज इकाई के कोषाध्यक्ष श्री अशोक मंगला जी इस पखवाड़े के संयोजक संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अमित शर्मा तथा महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक उपस्तिथ रहे।