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Faridabad NCR

ससुरालियों की ज्यादती से तंग विवाहिता घर के बाहर बैठने को हुई मजबूर

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : मेवला महाराजपुर में ससुरालियों की ज्यादती से तंग एक विवाहिता घर के बाहर खड़ी होकर पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने को मजबूर है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से मौन बना बैठा है और महिला की शिकायत के बावजूद ससुरालियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीडि़त महिला ने ससुरालियों पर दहेज प्रताडऩा के अलावा अन्य प्रकार की यातनाएं देने का भी आरोप लगाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश की रहने वाली पिंकी चौधरी की शादी करीब एक साल पहले मेवला महाराजपुर निवासी वरूण बैंसला से हुई थी। शादी के दौरान परिजनों ने अपनी क्षमता अनुसार दान दहेज देकर पिंकी को विदा किया था परंतु ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर अक्सर उसे तंग करने लगे। करीब तीन महीने पहले उसे सिर में दर्द हुआ, जांच करने पर डाक्टरों ने उसे ब्रेन हेमरेज बताया और आप्रेशन की सलाह दी। जिस पर ससुराल पक्ष के लोग उसे घर ले आए और दो दिन तक कमरे में बंद रखा, जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई थी ससुराल वाले उसे अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने आप्रेशन के 15-20 लाख रूपए खर्चा बताया, जिस पर ससुरालियों ने लडक़ी को अस्पताल में छोडक़र चले गए तथा बाद में शादी करवाने वाले बिचौलिए को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि उसने उन्हें बीमार लडक़ी दिलवा दी। मामले की जानकारी मिलने पर लडक़ी पक्ष के लोगों ने अस्पताल पहुंचकर लडक़ी का आप्रेशन करवाया और आज जब वह बिल्कुल ठीक है और अपने ससुराल वापिस आना चाहती है तो ससुराल वाले उसे घर में घुसने नहीं दे रहे। पिंकी ने बताया कि वह और उसके परिजन पिछले तीन दिन से यहां ससुराल के बाहर डेरा जमाए हुए है, लेकिन ससुराल पक्ष के लोगों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही और वह घर का दरवाजा भी नहीं खोल रहे। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस प्रशासन भी इन लोगों के आगे बेबस नजर आ रहा है। पिंकी चौधरी ने कहा कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात करते है, जबकि आज एक बेटी अपने सम्मान की लड़ाई के लिए सडक़ पर बैठी है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से मांग करते हुए कहा कि वह इस मामले में संज्ञान लेते हुए ससुरालियों के खिलाफ कार्यवाही करें, अन्यथा वह धरना प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेगी।
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