Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 01 मार्च। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार स्वस्थ विभाग द्वारा जिला में पोलियो ड्राप्स अभियान की आज मंगलवार तक 99.8 प्रतिशत अचिवमेंट कर ली है। इसके लिए जिला पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि गत रविवार को जीरो से 5 साल के बच्चों को बूथों पर पोलियो ड्रॉप्स पिलाई गई जबकि 28 फरवरी तथा 01 मार्च यानी सोमवार और आज मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग की वालिंटियर टीमोंने घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो ड्राप्स पिलाई। ताकि ऐसा एक भी जीरो से 5 वर्ष तक आयु का बच्चा जिला में पोलियो ड्राप्स पिए बिना ना रहे।
उन्होंने कहा कि यह ड्राप्स बच्चों को बहुत बड़ी बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है। पोलियो बीमारी बड़ी तेजी से एक से दूसरे बच्चों में फैलती है। इसलिए पोलियो ड्रॉप बच्चों को पिलाना अति आवश्यक है।
उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि कोविड-19 की हिदायतों के अनुसार बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाना सुनिश्चित की गई। उन्होंने कहा कि जिला में घुमन्तु जातियों के हाईरिस्क 9 क्षेत्र है जहां माईग्रेटरी अधिक है। वहां माइग्रेटिड के 1112, स्लम के 681, नोर्मड के 39, ईट भट्टों के 146 और कंट्रक्शन की 219 साइटे जिला में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित की गई। वहां पर जाकर बच्चों को पोलियो ड्राप्स पिलाना सुनिश्चित की गई।
उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय पोलियो ड्रॉप्स अभियान में जिन विभागों की अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी। उन्होंने सभी ने आपस में बेहतर तालमेल बनाकर पोलियो ड्रॉप्स अभियान को सफल बनाना सुनिश्चित कि। उन्होंने कहा कि जिस अधिकारी और कर्मचारी की जो ड्यूटी सुनिश्चित की गई थी, उसने इस कार्य को गंभीरता से करना सुनिश्चित किया।
उन्होंने कहा कि पोलियो ड्रॉप्स, ईट भट्टों, झुग्गी झोपड़ियों सहित तमाम स्थानों पर जाकर माइग्रेट फैमिली व कंस्ट्रक्शन साइटों और सहित घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाना सुनिश्चित की गई।
पोलियो अभियान के नोडल अधिकारी डॉक्टर मान सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में जीरो से 5 वर्ष के 377639 बच्चे हैं। इनमें से 377025 इनको पोलियो ड्राप्स पिलाने के लिए स्वास्थ्य तथा अन्य विभाग के कर्मचारियों की 2113 टीमें बनाई गई थी। टीमों 634976 घरों में भी दस्तक देकर बच्चों को पोलियो ड्राप पिलानी सुनिश्चित की। इसके लिए विभाग ने 1532 बूथ बनाए गए थे और 2313 टीमें बनाई गई थी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा 111 ट्रांजिट टीमें और 94 मोबाइल टीमों का गठन किया गया था।