Faridabad NCR
जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी के सान्निध्य में श्री सिद्धदाता आश्रम में जोरदार ढंग से मनी होली
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुंड रोड सेक्टर 44 स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) में होली के अगले दिन धूलैंडी का पर्व भी जोरदार ढंग से मना। इस अवसर पर अधिष्ठाता जगदगुरु स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने भक्तों पर गुलाल और फूलों की बरसात की।
इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने कहा कि होली का पर्व अपने आप में अनेक संदेश समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि होली का अर्थ है कि आपको कभी भी अहंकार नहीं करना है। अहंकार परमात्मा का भोजन है। जो अहंकार करते हैं उनको परमात्मा नष्ट कर देते हैं, जैसे राक्षस हिरण्यकशिपु का किया। दूसरा, कभी भी भगवान से आस्था मत हटाना। कितने ही कष्ट आ जाएं। हमें भगवान पर भरोसा रखना होगा। वह अपने भक्त का कल्याण करने के लिए अवश्य ही आते हैं। जैसे प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आए। उन्होंने कहा कि आपको अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना है। अपनी ताकत का गलत प्रयोग करने वाले खुद ही नष्ट हो जाते हैं। जैसे होलिका हो गई।
श्री गुरु महाराज ने कहा कि होली प्रेम और भाईचारे का त्यौहार है। इसे मिलजुलकर ही मनाना चाहिए। होली के रंग जैसे आपस में मिल जाते हैं वैसे ही मानव को आपस में मिल कर रहना चाहिए। तभी इस पर्व की सार्थकता होगी।
गुरु से मिले प्रेम के रंग में रंगे भक्त जमकर झूमेऔर गुरु महाराज से अपने कल्याण की प्रार्थना की। भजनों पर झूमते भक्तों ने कहा कि वह पूरे वर्ष इस होली की प्रतीक्षा करते हैं और जमकर होली खेलते हैं। इस होली में वो आनंद है जिसको पाने के बाद दुनिया के दुख भी आनंद लगने लगते हैं। गौरतलब है कि आश्रम को मानने वाले भक्त भारत से बाहर करीब दो दर्जन से अधिक देशों से आते हैं और वह होली पर्व पर अधिकाधिक संख्या में आते हैं। वहीं कोरोना काल के बाद बंधन खुले तो देश से भी बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंच रहे हैं।