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Faridabad NCR

उत्तराखंड का किसान उत्पादक संगठन प्लास्टिक हटाओ का दे रहा है सन्देश

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 मार्च, 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में एक तरफ जहाँ शिल्पकार व कलाकार अपनी कलाकृतियों से दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं वहीँ उत्तरखंड का एक किसान उत्पादन संगठन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्लास्टिक को हटाकर धरती को स्वच्छ बनाने का सन्देश दर्शकों को दे रहा है.
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की मदद से उत्तराखंड के पिथोरागढ़ की 320 महिलाओं का सुगंध उत्तरापथ किसान सवायत्त सहकारिता संगठन उत्तराखंड की बहु उपयोगी वनस्पति रिंगाल अर्थात बौना बांस से अनेक उत्पाद बना कर लोगो को प्लास्टिक का विकल्प सुझा रहे हैं. संगठन द्वारा रिंगाल अर्थात बौना बांस से तैयार उत्पादों में छोटा गुलदस्ता, मंदिर स्टैंड, बाउल लैंप व लैंप स्टैंड, घोंसले, रिंगाल टोकरी, पेन स्टैंड, पूजा की छोटी व बड़ी टोकरी, हथकंदी, टोपी, सर्विस टोकरी आदि शामिल हैं. स्टाल के संचालक निर्मल पन्त व मोहन राम ने बताया कि इन उत्पादों के बनाने में रिंगाल का प्रयोग किया जाता है. उच्च गुणवत्ता का रिंगाल हिमालय के बर्फीले क्षेत्रों में पाया जाता है. रिंगाल से बने उत्पाद सस्ते व टिकाऊ होने के साथ साथ पर्यावरण के अनुकूल भी हैं.
सूरजकुंड में आगामी 4 अप्रैल तक चलने वाले 17 दिवसीय सूरजकुंड अंतर्रोष्ट्रीय शिल्प मेला में उत्तराखंड के किसान उत्पादक संगठन द्वारा लगाये गये स्टाल में बौना बांस अर्थात रिंगाल से बनाई गयी वस्तुएं प्रदर्शित की गयी है. यह संगठन शिल्प मेला में दूसरी बार भाग ले रहा है. इस स्टाल पर घर में प्रयोग की जाने वाली लगभग 20 वस्तुएं उपलब्ध हैं. इन वस्तुओं की कीमत भी मात्र 100 रुपये से 2000 तक है, जिससे आम व्यक्ति जरुरत के अनुसार आसानी से खरीद सकता है. यह संगठन दर्शकों को प्लास्टिक हटाओ, जीवन बचाओ, धरती को स्वच्छ बनाओ को सन्देश दे रहा है

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