Faridabad NCR
टीकमगढ़ के स्वर्णकार नितिन आए हैं चार साल बाद, मेले में गर्मी का असर हो सकता है बिक्री पर
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 20 मार्च। पुरानी पीढ़ी की परंपरा को बरकरार रखते टीकमगढ़ मध्यप्रदेश से आए स्वर्णकार नितिन सोनी को फिक्र है कि इस बार सूरजकुंंड मेला गर्मी में शुरू हुआ है तो शायद ग्राहक दिन में कम और शाम को ही आ पाएंगे। उन्हें इस बात का संतोष है कि मेले की सुरक्षा व्यवस्था हमेशा चाक-चौबंद रहती है।
राष्टï्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के सौजन्य से आए नितिन सोनी सूरजकुंड में आठ से अधिक बार आ चुके हैं। उनकी खासियत है कि वे पीतल की कलाकृतियां तैयार कर बेचते हैं। जिनकी कीमत दो सौ रूपए से लेकर पचास हजार रूपए तक है। नितिन के साथ उनके पिता रामस्वरूप सोनी और छोटा भाई लोकेश भी यहां आए हैं। रामस्वरूप ने बताया कि उनका पीढ़ी दर पीढ़ी यह व्यवसाय चला आ रहा है। उनके परिवार में छ: बेटियां और दो बेटे हैं। कमाल की बात है कि घर की लड़कियां भी अपने परिवार के हुनर को जानती हैं और पीतल की मूर्तियां व कलाकृतियां बनाने में पुरूषों के समान ही कौशल रखती हैं।
नितिन सोनी ने बताया कि पीतल कोई धातु नहीं है, बल्कि तांबा और जस्ता को मिलाकर पीतल बनाया जाता है। कानपुर में पीतल की इलेक्ट्रिक भ_िïयां लगी हुई हैं, वहीं से इसे मंगवाया जाता है। उन्होंने बताया कि वे चार साल बाद इस मेले में आए हैं। पहले यह मेला फरवरी माह में लगता था। इस बार कोविड महामारी के कारण इसे मार्च माह में आयोजित किया गया है। पहले वह सुबह नौ बजे दुकान पर आते थे तो ग्राहक आगे तैयार मिलते थे। इस बार उन्हें शाम तक ग्राहकों का इंतजार करना पड़ेगा। हो सकता है बिक्री पहले जितनी इस बार ना हो पाए। फिर भी वह अपने परिवार के साथ दुकान को सजाने में व्यस्त दिखाई दे रहे थे और उनकी आशंका के विपरीत स्टाल पूरी लगाने से पहले ही उनके पास कस्टमर भी आने शुरू हो गए थे। ग्राहक को देख कर अब उनके चेहरे पर खुशी के भाव अनायास ही आ गए।