Faridabad NCR
मयूर नृत्य ने देश-विदेश से आए सभी पर्यटकों को किया मंत्र मुग्ध
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 28 मार्च। 35वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में उत्तरप्रदेश के जिला मथुरा के गांव पारसोली गोवर्धन से आए बृजवासी कलाकारों ने मेले की मुख्य चौपाल पर मयूर नृत्य करके देश-विदेश से आए सभी पर्यटकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
बृज क्षेत्र में यह मयूर नृत्य बहुत ही प्रसिद्ध नृत्य है। कलाकार राजेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि जब एक दिन राधा रानी अपनी सखियों के साथ बरसाने की मयूर कुटि पर मोर नृत्य देखने जाती है। उस समय राधा रानी को कुटि पर कोई भी मोर नहीं मिला, तब वह उदास हो जाती हैं। तभी उस समय भगवान श्रीकृष्ण स्वयं ही मयूर रूप धारण करके राधा रानी के सम्मुख मयुर नृत्य प्रस्तुत करते हैं। तब राधा रानी श्रीकृष्ण को मयूर छवि देखकर देखकर अति प्रसन्न होकर उनके संग स्वंय भी मयूर नृत्य करने लगती हैं। श्री कृष्ण की मयूर रासलीला में खो जाती हैं। तब से अब तक बरसाने की मयूर कुटि पर नित्य प्रतिदिन सैंकड़ों मोर-मोरनी मयूर नृत्य करते हैं।
राजेश प्रसाद शर्मा ने अपनी मधुर आवाज में आयो रसिया मोर बन आयो रसिया गीत की प्रस्तुति भी दी।बृज के यह लोक कलाकार मयूर नृत्य को राष्टï्रीय व अंतरराष्टï्रीय मचों पर भी अनेकों बार प्रस्तुत कर चुके हैं। टीम में हारमुनियां वादक मौजू, नक्काडा वादक शाकिर, ढोलक पर शब्बाब, श्रीकृष्ण की भूमिका में विष्णु तथा राधा रानी की भूमिका में सोनिया, गोपियों में गुंजन, आरती, ग्वाले, लोकेश शर्मा, सुनील, कृष्ण शर्मा, लक्ष्मीकांत, शेखर आदि मौजूद रहे। पर्यटक इस मयूर रास की भव्य प्रस्तुति से झूम उठे।