Faridabad NCR
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पहल
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 मार्च। अगर आपका मन अशांत है, भूलने की बीमारी है, एकाग्रता की कमी तथा नेगेटिविटी आपके मन में बार-बार आ रही हैं तो सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में चले आइए। यहां पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से स्प्रिचुअल हीलिंग क्लीनिक खोला गया है जहां पर ओरा डिजिटल मेडिटेशन मशीन के जरिए आपके बंद चक्र को खोलने का रास्ता बताया जाता है।
छोटी चौपाल के नजदीक बनाए गए इस क्लीनिक में आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से बहन प्रीति ने बताया कि शरीर के सात चक्र सृष्टि की समस्त शक्तियों के केंद्र हैं। यहां पर ओरा मशीन के जरिए शरीर के सारे चक्कर देखे जाते हैं। शरीर का कौन सा चक्कर बंद है और इसे खोलने का क्या समाधान है, ये सब इस क्लीनिक में बताया जाता है।
उन्होंने बताया कि अगर मानव अवगुणों से दूर रहना चाहता है तो उसके लिए योग और माइंडफुल खाना सबसे अहम होता है। उन्होंने बताया कि राजयोग से मेडिटेशन, तनावमुक्त और व्यसन मुक्त जीवन के लिए यहां पर फ्री काउंसलिंग की जाती है। व्यक्ति के आंतरिक व्यक्तित्व का विकास पर जोर दिया जाता है।
इस क्लीनिक पर आने वाले पर्यटकों को नंबर गेम के माध्यम से उन्हें अवगुणों से दूर रखने के तरीके बताए जाते हैं। वहीं नशा मुक्ति के दुष्प्रभाव से बचाव के बारे में भी काउंसलिंग की जाती है तथा मुफ्त में दवाइयां भी दी जाती है।
काउंसलिंग के लिए विश्वविद्यालय की ओर से बीके शिखा, अमीचंद, कमल तथा राम बहादुर भाई लगातार इस मेले में पर्यटकों को संतुलित जीवन जीने तथा नेगेटिविटी को दूर करने में सहायता करते हैं।
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ऐसे समझें शरीर के मूल रूप के 7 चक्रों को
शरीर में मूल रूप से मूलाधार, चक्रस्वाधिष्ठान, चक्रमणिपुर, चक्रअनाहत, चक्रविशुद्धि, चक्रआज्ञा, और चक्रसहस्रार चक्र, ये 7 चक्र होते हैं। इन्हें सृष्टि की समस्त शक्तियों का केंद्र माना जाता है। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में स्थापित इस स्प्रिचुअल हीलिंग क्लीनिक पर ओरा मशीन के जरिए सात चक्रों में से कौन से चक्कर बंद है तथा उसका क्या समाधान है, इसके बारे में जानकारी दी जाती है।
हमारे शरीर में सात चक्र या ऊर्जा केंद्र हैं जिनके माध्यम से हमारी महत्वपूर्ण ऊर्जा या प्राण शक्ति प्रवाहित होती है। कभी-कभी, ये ऊर्जा चैनल अवरुद्ध हो जाते हैं और इससे शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं में बीमारी और गड़बड़ी होती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक चक्र क्या दर्शाता है और इस ऊर्जा को स्वतंत्र रूप से प्रवाहित रखने के लिए हम क्या कर सकते हैं। यह तभी संभव है जब चक्र संतुलित हों।