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Faridabad NCR

स्वयं सहायता समुहों द्वारा तैयार उत्पादों की खरीदारी में खासी रूचि दिखा रही महिला पर्यटक

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 मार्च। आजादी के 75 वे अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित सूरजकुंड में चल रहे अंतरराष्टï्रीय शिल्प मेला में राष्टï्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कामगारों के उत्पादों की खरीदारी में पर्यटक खासी रूचि दिखा रहे हैं। मेला परिसर में स्टाल संख्या 501 से 565 तक अकेले हरियाणा ही नहीं बल्कि उतरप्रदेश,मध्यप्रदेश,छतीसगढ,उतराखंड सहित अन्य प्रदेशों से आए स्वयं सहायता समुहों द्वारा अपने -अपने उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं,जिन पर महिलाओं की खासी भीड देखने को मिल रही है। मेला परिसर में देश व विदेशों से आए शिल्प कलाकारों ने भी स्टालों के जरिए अपने उत्पाद प्रदर्शित किए हैं,मगर केंद्र सरकार के ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम के माध्यम से तैयार किए प्रोडेक्ट महिलाओं में चर्चा का विषय भी बने हुए हैं। यह सभी स्टाल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उस संकल्प को भी सिद्ध करने का कार्य कर रहे हैं,जिसमें ग्रामीण आजीविका पर विशेष फोकस रखा गया है।
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राष्टï्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने दिखाई रोजगार की राह
केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में चलाए जा रहे ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम के तहत कौशल विकास को बढावा देने के साथ ही अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है,जिसके जरिए कोई भी बेरोजगार पात्र व्यक्ति या महिला प्रशिक्षण लेकर अपना काम धंधा शुरू कर सकता है।
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हैंड मेड आइटम की स्टालों पर भरमार
मेला में मिशन के तहत प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं ने हाथ की कढाई से तैयार सूट,चुनरी,मैट, मुरब्बा,चदर, हैंड मेड आईटम,जूती,चप्पल,जवैलरी आदि की स्टालें लगाई गई हैं,जिन पर पूरा दिन महिलाओं का हुजूम उमड़ता दिखाई देता है। महिलाओं में इस बात का भी क्रेज देखने को मिल रहा है,कि वह जिस जरूरी सामान की खरीदारी कर रही हैं,वह पूरी तरह ग्रामीण पृष्ठïभूमि से जुडी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं,जिससे उनके मन में दोहरी खुशी भी देखने को मिल रही है। स्टालों पर  प्रोडेक्ट के साथ अधिकांश महिलाओं को देखकर विशेषकर ग्रामीण परिवेश से मेला देखने  आई पर्यटक महिलाओं में अपनेपन का भी अहसास देखने को मिल रहा है।
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क्या कहते हैं कार्यक्रम अधिकारी
डीआरडीए फरीदाबाद के कार्यक्रम अधिकारी शिवम तिवारी कहते हैं कि ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से छोटे -छोटे कार्यों का प्रशिक्षण देकर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है,जिसके माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को नियमानुसार ऋण की सुविधा दी जा रही है। महिलाएं मिशन के तहत ऋण लेकर अपनी यूनिट स्थापित करके उत्पाद बनाकर उन्हें बिक्री करती हैं,जिससे उन्हें खासी बचत भी होती है। शिवम तिवारी ने बताया कि स्वयं सहायता समुह की महिलाएं आज दूसरी घरेलू महिलाओं के लिए भी स्वारोजगार के मामले में आईकान साबित हो रही हैं।

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