Faridabad NCR
क्राफ्ट मेले में विरासत हैरीटेज पर सरसवती देवी के चरखे से तैयार सूत के खेस में छिपी हैं अनेक विशेषताएं
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 मार्च। विरासत हैरीटेज हरियाणा की स्टाल म्हारी संस्कृति माहरा ठिकाना थीम के साथ हरियाणवी संस्कृति की धरोहर को संजोए पर्यटकों का मन मोह रही है। विरासत में आने वाले प्रयटक हरियाणवी संस्कृति से जुड़े उपकरणों के साथ फोटो खिंचवाने के साथ-साथ स्टाल पर बेचे जा रहे मनहोक खटौले, मुढ़े, पीढ़े तथा मिट्टïी व कागज से बने ठाठिये को भी खूब पसंद कर रहे हैं।
आधुनिक युग में हम भले ही शिल्क और रेश्मी कपड़ों की ओर आकृषित हो रहे हों, लेकिन विरासत हैरिटेज में जुलाना की सरस्वती देवी के चरखे की कताई से हिसार के सुभाष द्वारा बनाए गए सूत के खेस आगे सभी बड़ व अत्याधुनिक उद्योगों से निर्मित वस्त्र भी फीके नजर आते हैं। जब फाग का मौसम आता है उस समय मौसम गर्म होना शुरू हो जाता है। उस दौरान सूत से तैयार किया गया यह खेस हमारे शरीर को शर्दी व गर्मी दोनों से बचाता है। सूत से तैयार यह खेस त्वचा से संबंधित एलर्जी से भी मुक्ति दिलाने का काम करता है। ये बात तो सच है कि हमारे पूर्वजों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले सूती कपड़े हमारे शरीर व स्वास्थय के लिए बहुत लाभदायक होते थे। लेकिन समाज में वेशभूषा के बदलते दौर के कारण हम इनका प्रयोग करना छोड़ते जा रहे हैं, जो हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारी पौराणिक वेशभूषा से दूर लेते जा रहे हैं।