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Faridabad NCR

कच्ची उम्र में ‘कच्ची दीवार हूं’ गजल गाकर किया मंत्रमुग्ध

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 01 अप्रैल। इन दिनों सूरजकुंड में चल रहे अंतरराष्टï्रीय शिल्प मेले में अपने अपने देशों की कला एवं संस्कृति की छटा बिखरने के लिए कलाकार डेरा डाले हुए हैं, जो प्रतिदिन मेला प्राधिकरण द्वारा जारी शैड्यूल के अनुरूप छोटी और बड़ी चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। ऐसा ही एक नन्हा कलाकार बीती शाम मेला परिसर की चौपाल दो के मंच पर नजर आया। सरस कपिल नाम के इस कलाकार ने महज दस वर्ष की उम्र में गुलाम अली की गजल ‘कच्ची दीवार हूं ठोकर ना लगाना मुझको’ का गायन करके उपस्थित दर्शकों को अपनी गायकी का दीवाना बना लिया। नन्हा कलाकार सरस कपिल के पिता ने बताया कि उसे बचपन से ही गायन का शौक है। कपिल की इस कला को पहचानते हुए वो उसे प्रेरित करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि सरस महज 5 वर्ष की उम्र से ही कई गजले और फिल्मी गीत गाने लग गये थे।
सरस का कहना है कि उसे जब भी कही गाने का मौका मिलता है तो वो उसका खूब आनंद उठाते हैं। सरस के साथ उनके बड़े भाई विराज कपिल ने तबले पर उनका साथ दिया जो खुद भी गजल और फिल्मी गीत गाते हैं। विराज ने भी दो दिन पहले चौपाल 2 पर परफार्म किया था। विराज खुद भगवत गीता का अनुसरण करते हैं, विराज ने गीता के सभी 700 श्लोक कंठस्थ किया हुए हैं। विराज एवं सरस के पिता का कहना है कि वो आने वाले कुछ दिनों में एक बार फिर दोनों नन्हें कलाकारों को मेले के मंच पर गजल गाने के लिए तैयारी के साथ आएंगे। उन्होंने कला एवं सांस्कृतिक विभाग का खासतौर पर धन्यवाद दिया जो इस प्रकार से बच्चों को मंच उपलब्ध करवा रहे हैं।

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