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Faridabad NCR

भारतीय किसान यूनियन (अ) ने किसानों की मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : देशभर के किसानों की संपूर्ण कर्जामुक्ति, एमएसपी पर कानून बनाने सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. ऋषिपाल अंबावता के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम फरीदाबाद के एसडीएम परमजीत सिंह चहल को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान किसानों का जत्था सेक्टर-12 एकत्रित हुआ और जुलूस के रूप में जिला उपायुक्त कार्यालय के गेट पर पहुंचा, जहां भारी पुलिस बल ने किसानों को गेट पर ही रोक लिया। इस दौरान किसानों ने ‘किसान एकता जिंदाबाद’ ‘किसान बचाओ-देश बचाओ’ के नारे लगाकर अपना विरोध दर्ज करवाया। इस मौके पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि आज देश का अन्नदाता किसान सरकार की गलत नीतियों के चलते दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर है, सरकार पूंजीपतियों के हाथ की कठपुतली बनकर उन्हेें लाभ पहुंचा रही है, लेकिन किसान का कर्जा 5 हजार से 50 हजार हो गया है, उसकी किसी को चिंता नहीं है। श्री अंबावता ने कहा कि किसानों की ही ताकत थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों काले कृषि कानून वापिस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा उन्होंने एमएसपी कानून बनाने के लिए कमेटी बनाने और उसमें किसान संगठन को बुलाने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके चलते किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में नीरव मोदी व अन्य बड़े लोग देश का करोड़ों अरबों रूपए लेकर भाग रहे है, लेकिन सरकार उन पर कोई कार्यवाही नहीं करती और देश का अन्नदाता किसान अगर अपनी फसलों के लिए ऋण लेता है तो उस पर इतना ब्याज लगाया जाता है कि उसकी कमर तोड़ दी जाती है, यह सरकार किसानों पर ज्यादतियां कर रही है और आज के हालात ऐसे है कि किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहा है। श्री अंबावता ने कहा कि आज पूरे देश में भारतीय किसान यूनियन (अ) द्वारा जिला मुख्यालय पर धरने प्रदर्शन करके ज्ञापन दिया गया है और सरकार को सचेत किया गया है कि अगर किसानों की मांगें एमएसपी पर पूरी फसल खरीद की गारंटी कानून बने, संपूर्ण किसानों का कर्जा माफ हो, किसान आयोग का गठन, देश में स्वास्थ्य एवं शिक्षा सभी प्राईवेट व सरकारी संस्थानों में मुफ्त, राष्ट्रीय राजमार्ग के दिशा निर्देश में 60 किमी के अंतर्गत टोलों को तुरंत बंद करने आदि मांगों को नहीं माना गया तो वह फिर से बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि वह ज्ञापन के माध्यम से सरकार को एक माह का समय दे रहे है, इस दौरान अगर किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो फिर से दिल्ली को घेरा जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 10 मई को जंतर-मंतर पर पूरे देशभर का किसान एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकेंगे। इस अवसर पर अजब सिंह, बृजेश भाटी, प्रवीण चौधरी, धीर सिंह चंदीला, रामपाल सिंह, ऋषिपाल चौहान,, नरेश खटाना, विकास भाटी, कृष्ण नागर सहित सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद थे।

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