Faridabad NCR
कोलकाता से दिल्ली की 1700 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकली वास्तुकार गीता बालकृष्णन का पुलिस आयुक्त कार्यालय में किया गया भव्य स्वागत
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सेक्टर 21C में स्थित पुलिस आयुक्त कार्यालय में पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने आज प्रसिद्ध वास्तुकार गीता बालकृष्णन का भव्य स्वागत किया। पुलिस आयुक्त ने उनके स्वागत के लिए एक समारोह का आयोजन करवाया जिसमें कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रसिद्ध वास्तुकार गीता बालकृष्णन ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता से लेकर दिल्ली तक पदयात्रा 13 फरवरी 2022 से शुरू की थी। 1700 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में वह आज 1630 किलोमीटर पूरी कर चुकी हैं और अपनी मंजिल से महज 70 किलोमीटर दूर है जिसे वह जल्द ही पूरा कर लेंगी।
आपको बता दें कि श्रीमती गीता भवन निर्माण कला विशेषज्ञ हैं। इन्होंने स्कूल आफ प्लैनिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली से अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी की थी। उसके पश्चात अमेरिका के पिट्सबर्ग में स्थित कार्नेजी मेल्लों यूनिवर्सिटी में सेंट्रल बिल्डिंग परफॉर्मेंस एंड डायग्नोस्टिक्स में अपना व्यवहारिक प्रशिक्षण पूरा किया। वर्ष 1991 से 2001 के बीच में बेंगलूर स्थित आवाज एनजीओ के सदस्य के रूप में कार्य किया जो स्लम बस्ती एरिया में स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाएं प्रदान करता है। वह उस एरिया में गरीबों के लिए बनाए जाने वाले मकानों के आर्किटेक्चर संबंधी मामलों में मदद करती रही और अब वह पिछले 5 वर्षों से इस एनजीओ की ट्रस्टी हैं। इन्होंने इथॉस नाम की एक संस्था स्थापित की जो छात्रों को डिजाइन से संबंधित शिक्षा प्रदान करती हैं।
श्रीमती बालकृष्णन ने पुलिस आयुक्त कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में जानकारी देते हुए बताया कि वास्तुकला का हमारे जीवन में बहुत अधिक और विशेष महत्व है। भवन निर्माण करते समय वास्तु कला एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने बताया कि हमे भवन निर्माण के समय किस किस प्रकार की सावधानियों बरतनी चाहिए। भवन की दिशा, दशा और स्थिति का ज्ञान होना अति आवश्यक है। भवनों पर प्रकृति का सीधा प्रभाव पड़ता है इसलिए आवश्यक है कि वास्तुकला की सहायता से प्रकृति के भवनों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से बचाकर उसे इस प्रकार से तैयार करना चाहिए की मकान पर उसका अच्छा प्रभाव पड़े। इस प्रकार भवन निर्माण की कुछ मूलभूत इकाइयों के बारे में पुलिस कर्मचारियों को जागरूक करते हुए श्रीमती बालकृष्णन अपनी मंजिल की तरफ अग्रसर हुई।