Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद में ‘रंगमंच की बात’ विषय को लेकर के एक सेमिनार का आयोजन किया गया।मंच संचालिका रेखा शर्मा द्वारा मशहूर रंगमंचकर्मी राजेश अत्रे जी का स्वागत किया गया। इस प्रोग्राम केमुख्य वक्ता व मुख्य अतिथि के तौर पर राजेश अत्रे जी छात्रों से रूबरू हुए। इस सेमिनार का उद्देश्य छात्रों को रंगमंच से जुड़े हुए विभिन्न पहलुओं को बताना व थिएटर में करियर बनाना रहा।
राजेश अत्रे जी जो अभी हाल ही में बैंक मेनेजर के पद से रिटायर हुए है, ने छात्रों को बताया कि थिएटर क्या है। उन्होंने बताया की अपनी भावनाओं एवं अपनी बातों को कहानी के जरिए दर्शकों के समक्ष रखना ही थिएटर हैं। उन्होंने भारतीय परिवेश में थिएटर के विभिन्न परंपरागत प्रारूपों जैसे रामलीला, स्वांग, नौटंकी, जात्रा भरतनाट्यम, कथकली, कठपुतली को बतलाया। वहीं उन्होंने थिएटर के आधुनिक स्वरूपों जैसे नुक्कड नाटक, मोनोएक्टिंग, माइम, शैडो आर्ट , आर्केस्ट्रा, लाइट एंड साउंड को भी बताया। उन्होंने छात्रों को बताया की भरत मुनि इस संसार के सबसे पहले नाटककार रहे हैं। एक रंगमंचकर्ता बहुत ही सेंसेटिव होता है और वह किसी भी पात्र में जान तभी डाल पाता है जब वह उसे अपने अंदर महसूस कर पाता हैं। इस पात्र को दर्शकों के सामने रखने के लिए वो नव रसों का उपयोग करता हैं। उन्होंने वीभत्स रस, हास्य रस, करूण रस, वीर रस, रौद्र रस, भयानक रस, श्रृंगार रस, अद्भुत रस व शांत रस के नाम से नौ रस बताए। उन्होंने छात्रों को बताया की अगर आप थिएटर की पढ़ाई करना चाहते है तो आप इसके लिए बाकायदा सर्टिफिकेट कोर्स नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, डिपार्टमेंट ऑफ इंडियन थिएटर चंडीगढ से कर सकते हैं। थिएटर का क्षेत्र रोज़गार की संभावनाओं से भरा पड़ा है यदि आप थिएटर में कैरियर बनाना चाहते है तो आप काफी विकल्पों में से चयन कर सकते है जैसे डायरेक्टर, ड्रेस डिजाइनिंग, मेकअप, संगीतकार, लाइटिंग, सेट डिजाइनर आदि में से किसी को भी चुन सकते हैं।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ॰ सविता भगत ने कहा कि थिएटर केवल अभिव्यक्ति का ही सशक्त माध्यम नहीं है बल्कि यह व्यक्तित्व को निखारने का भी एक ज़रिया हैं। थिएटर हमें सामाजिक, व्यवाहारिक ज्ञान के साथ-साथ अनुशासन का पाठ भी पढ़ाता हैं। जैसा कि राजेश अत्रे ने बताया यह रोज़गार की संभावनाओं से परिपूर्ण क्षेत्र है यदि छात्र थिएटर को लेकर उत्सुक है और इसके बारे में ज्यादा जानना चाहते है तो हम राजेश अत्रे के साथ छात्रों के लिए और भी कार्यक्रम आयोजित करवाएंगे।
इस कार्यक्रम की संयोजक रेखा शर्मा और आयोजन सचिव रचना कसाना रहीं। अंत में पत्रकारिता विभागाध्यक्ष रचना कसाना ने मुख्य अतिथि, उपस्थित शिक्षकों व छात्रों का इस सेमिनार में शामिल होने के लिए धन्यवाद किया।