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Faridabad NCR

साइबर थाना फरीदाबाद टीम लगातार साइबर ठगो पर कस रही शिकंजा, देशभर में साइबर क्राइम की 1548 वारदातों में शामिल गैंग का पर्दाफाश करते हुए 3 विदेशी नागरिकों व 1 महिला सहित 8 आरोपियों को किया गिरफ्तार

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर फेसबुक काफी हद तक लोगों को आपस में जोड़ने में सफल रही है। नागरिकों की इस प्रकार की कनेक्टिविटी से अनेकों फायदे होते हैं जहां आमजन एक दूसरे से संपर्क करके अपने विचारों को पूरी दुनिया में फैला सकते हैं परंतु यदि इसका गलत इस्तेमाल हो जाए तो उससे बहुत लोगों को आर्थिक चपत भी लग सकती है। कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोग फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का गलत फायदा उठाकर उसमें टारगेट को लुभाने के लिए महिला के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों के साथ दोस्ती करते हैं ताकि उनसे पैसे ऐंठ सके। इसी प्रकार की साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए साइबर थाना फरीदाबाद की टीम ने तीन विदेशी नागरिकों तथा एक महिला सहित गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

डीसीपी हेडक्वार्टर नीतीश अग्रवाल ने पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर 21C में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 3 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है जिसमे नाइजीरिया के रहने वाले गैब्रियल व किंग्सले तथा घाना के रहने वाले गॉडविन का नाम शामिल है जो फिलहाल दिल्ली में रह रहे थे। आरोपी गॉडविन का वीजा फरवरी 2021 तथा किंग्सले का वीजा 10 महीने पहले एक्सपायर हो चुका था जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इसके अलावा महिला आरोपी युर्थिंग्ला वारोंग उर्फ मम्मी जो मणिपुर की रहने वाली है और फिलहाल दिल्ली में रह रही थी को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुंबई के रहने वाले हरीश, फिरोज अंसारी, नोएडा के रहने वाले राजकुमार उर्फ राजू व सफ़र उद्दीन और दिल्ली के रहने वाले सुशील तिवारी को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपियों ने दिसंबर 2021 में फरीदाबाद निवासी रामकिशोर के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था जिसमें उन्होंने रामकिशोर के साथ 7.39 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस थाना साइबर अपराध में दी जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ षडयंत्र, धोखाधड़ी तथा फर्जी कागजात बनाकर उपयोग में लेने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने इस मामले में शामिल आरोपियों की धरपकड़ के लिए साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बसंत की अगुवाई में टीम का गठन किया जिसमें उप निरीक्षक प्रवीण, एसआई दीपक, शिवराज, प्रधान सिपाही भूपेंद्र, महिला प्रधान सिपाही अंजू, सिपाही आजाद, राकेश तथा अंशुल का नाम शामिल था।

साइबर थाना की टीम ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सबसे पहले दिनांक 26 मार्च 2022 को घाना के रहने वाले आरोपी गॉडविन को गिरफ्तार करके 11 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया जिसमें उसने अपने साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी। इसके पश्चात दिनांक 2 अप्रैल को आरोपी गैब्रियल तथा हरीश फिरोज अंसारी को गिरफ्तार करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। दिनांक 7 अप्रैल को आरोपी गॉडविन, गैब्रियल तथा हरीश को रिमांड खत्म होने के पश्चात अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया। इसके पश्चात आरोपी युर्थिंगला वारोंग तथा किंग्सले को दिनांक 15 अप्रैल को गिरफ्तार करके 3 दिन के रिमांड पर लिया गया और 19 अप्रैल को जेल भेज दिया गया। आरोपी राजकुमार को 18 अप्रैल तथा सफरूदीन को 20 अप्रैल को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से गिरफ्तार करके रिमांड के दौरान पूछताछ करने के पश्चात 23 अप्रैल 2022 को दोनो आरोपियों को दोबारा जेल भेज दिया गया।

पुलिस उपायुक्त ने प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी बहुत ही शातिर किस्म के अपराधी हैं। आरोपी साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक का प्रयोग करते थे। फरीदाबाद के रहने वाले राम किशोर के साथ की गई साइबर ठगी की वारदात में सबसे पहले आरोपी गैब्रियल ने जेनिफर अलेक्जेंडर नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बना बनाई जो अपने आप को इंग्लैंड का बताती थी। इस फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से आरोपी ने फरीदाबाद निवासी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जिसने विदेशी महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर उसे एसेप्ट कर लिया। फ्रेंड रिक्वेस्ट एसेप्ट होने के पश्चात आरोपी उसके साथ बात करने लगा और उसका व्हाट्सएप नंबर लेकर उसे आरोपी गॉडविन से साझा कर दिया। आरोपी गॉडविन ने अब वही विदेशी महिला बनकर उसे लंदन के नंबर से व्हाट्सएप पर उसके साथ बातचीत करना शुरू कर दी। लंदन का नंबर देखकर रामकिशोर को यह विश्वास हो गया कि वह जो विदेशी महिला उससे बात कर रही है वह सच में इंग्लैंड से है। इसके पश्चात आरोपी काफी समय तक उसके साथ बातें करते रहे और जब व्यक्ति पूरी तरह उनके झांसे में आ गया तो वह उन्हें इंग्लैंड से उसके लिए गिफ्ट भेजने की बात करने लगे। इंग्लैंड से गिफ्ट प्राप्त होने की बात सुनकर कोई भी व्यक्ति आसानी से झांसे में आ सकता है। आरोपियों ने उन्हें 1 लाख ब्रिटिश पाउंड का गिफ्ट भेजने का ऑफर दिया आरोपियों द्वारा भेजे गए इस ऑफर को स्वीकार करते हुए पीड़ित द्वारा उसे अपना पता व अन्य जानकारियां साझा कर दी। इसके कई दिन पश्चात आरोपी महिला वाराेंग ने आरोपी किंग्सले द्वारा उपलब्ध करवाई गई फर्जी सिम कार्ड से मुंबई एयरपोर्ट की कस्टम अधिकारी बनकर रामकिशोर को फोन किया और कहा कि लंदन से उनके लिए पार्सल आया है जिसे भारत में आने के लिए कस्टम क्लीयरेंस और जीएसटी पेमेंट करने की आवश्यकता है। 01 लाख पाउंड की कीमत के गिफ्ट के लालच में आकर पीड़ित ने साइबर ठगों द्वारा बताए गए फर्जी बैंक खाते में 7.40 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नोएडा के रहने वाले आरोपी सफ़रुद्दीन जो सीएससी सेंटर चलाता था वह किसी भी आधार कार्ड में उसका पता बदलकर उसकी जगह फर्जी पता डाल देता था और इसी फर्जी आधार कार्ड को वह अपने साथी आरोपी राजकुमार को उपलब्ध करवाता जिसके आधार पर आरोपी राजकुमार किसी भी बैंक में फर्जी खाता खुलवा देता था। इसके पश्चात आरोपी सुशील आरोपी राजकुमार द्वारा बनवाए गए फर्जी बैंक खाते को अपने अन्य साथियों को उपलब्ध करवाता था। आरोपी हरीश द्वारा साइबर ठगी के मामले में अपना बैंक खाता इन साइबर ठगों को उपलब्ध करवाया गया था।

साइबर थाना की टीम द्वारा आरोपियों के कब्जे से 40 मोबाइल, 37 सिम कार्ड, 03 पासपोर्ट, 40 पासबुक, 49 चेकबुक, 50 एटीएम कार्ड, 11 आधार कार्ड, 06 पैनकार्ड, दो पेन ड्राइव, आधार कार्ड में पता बदलने के काम में प्रयुक्त कंप्यूटर व प्रिंटर तथा 1.39 लाख रुपए नकद बरामद किए गए हैं। साइबर टीम द्वारा बरामद किए गए इन मोबाइल फोन और सिम कार्ड को ट्रेस करने पर पता चला कि आरोपियों ने पूरे देश में साइबर क्राइम की 1548 वारदातों को अंजाम दिया है और जिसमें उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक 441, राजस्थान की 150, तेलंगाना की 149, दिल्ली की 147 तथा महाराष्ट्र की 101 वारदातें शामिल है। आरोपियों द्वारा हरियाणा में 30 वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। साइबर टीम द्वारा इन मामलों में संबंधित पुलिस थानों को सूचित किया जा रहा है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों के फर्जी खातों में करीब 25 करोड़ रुपए का लेनदेन पाया गया है। पुलिस उपायुक्त ने साइबर थाना की टीम द्वारा किए गए सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि फरीदाबाद की साइबर थाना की टीम ने साइबर ठगी का भंडाफोड़ करने में बहुत ही बेहतरीन कार्य किया है। साथ ही आमजन से अपील है कि किसी भी तरह के लालच के बहकावे में ना आए किसी भी अनजान को अपनी डिटेल शेयर ना करें। साइबर ठगी होने पर 1930 पर कॉल करें।

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