Faridabad NCR
अपने काम से नाम को सार्थक कर रही है गिफ़्ट
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डी.ए.वी शताब्दी कॉलेज फरीदाबाद में “अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस” के अवसर पर आयोजित “रज़मटाज़” के अनुष्ठान के दौरान मदन चावला ने बताया कि किस प्रकार गिफ़्ट फॉउंडेशन अपनी त्रिकोणीय रणनीति “सी टू सी” यानि कंट्रोल, केयर, क्योर के तहत निरंतर सम्पूर्ण भारतवर्ष में अपनी सेवायें दे रही है। हालाँकि पिछले लगभग डेढ साल से कोविड-19 व इस खतरनाक वायरस के वैरिएंट्स ने सबके लिये बहुत परेशानियां पैदा की, परन्तु गिफ़्ट ने यह सुनिश्चित किया कि थैलेसीमिक बच्चों को उस दौरान कम से कम दिक्कत का सामना करना पड़े। चाहे वो बच्चों के लिये रक्त्त व रक्त्त आधान का इंतज़ाम करना हो, या डॉक्टर्स द्वारा चैक-अप हो, दवाईयों की उपलब्धता हो या फिर स्वस्थ संबंधी किसी प्रकार की ज़रूरी जाँच हो, गिफ़्ट पूरी प्रतिबद्धता के साथ थैलेसीमिक बच्चों के साथ खड़ी रही।
पिछले वर्ष गिफ़्ट ने निशुल्क थैलेसीमिया माइनर/कैरियर जाँच के विश्व रिकॉर्ड स्थापित किये। इसके अतिरिक्त औसतन लगभग हर हफ्ते गिफ़्ट द्वारा एक रक्त्तदान शिविर का आयोजन किया, और हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल सहित कई अन्य राज्यों में निशुल्क एच.एल.ए जाँच शिविर लगाये जिनके माध्यम से 100 से अधिक थैलेसीमिक बच्चों के स्थाई इलाज यानि बोन मैरो ट्रांसप्लांट की संभावना बनी है। हम हर प्रकार से इन बच्चों की सहायता के लिये तत्तपर हैं ताकि वो थैलेसीमिया मुक्त्त होकर एक स्वस्थ व खुशहाल जीवन जी सकें, मदन चावला ने अपनी बात को जारी रखते हुवे बताया।
अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस 2022 के बारे में बताते हुवे श्री चावला ने बताया कि एक कॉलेज के प्राँगण में इस अनुष्ठान का सीधा मकसद यह है कि हमें युवा पीढ़ी को थैलेसीमिया के बारे में जागरूक व शिक्षित करना है ताकि इस रक्त्त विकार के और ज़्यादा फैलने पर अंकुश लगाया जा सके। 8 मई, यानि थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर गिफ़्ट द्वारा एक थैलेसीमिया जागरूकता व रक्त्तदान शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है। इस अवसर पर गिफ़्ट द्वारा देशभर में आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के कुछ थैलेसीमिया रोगियों को पूर्णतयः निशुल्क ऐम्ब्युलैट्री इन्फ़्यूशन पम्प्स दिये गये। इसी सिलसिले में आगे बढ़ते हुवे 30 मई 2022 को गिफ्ट द्वारा डी ए वी शताब्दी कॉलेज में थैलेसीमिक बच्चों के स्थाई इलाज के लिये एक एच.एल.ए टाइपिंग (स्टैम सैल्स डोनेशन) कैम्प भी लगाया जायेगा।
गिफ़्ट सिर्फ नाम से नहीं, बल्कि अपनी सोच, नज़रिये, मिशन, कार्यक्षेत्र, कार्यप्रणाली व रणनीति के आधार पर भी वास्तव में एक ग्लोबल संस्था है, और हमें इसमें तनिक भी संदेह नहीं है कि आने वाले समय में गिफ़्ट एक बहुराष्ट्रीय संस्था बनने का मकसद व मादा रखती है। अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर हम थैलसीमिक बच्चों की ओर से उन सभी डॉक्टर्स, नर्सिस, अस्पतालों, लैबोरेट्रीज़, समाज सेवी संस्थाओं व अन्य सभी शख्सियतों को हार्दिक धन्यवाद व आभार प्रकट करते हैं क्योंकि इन सभी के सहयोग से ही गिफ़्ट उनकी मदद कर पाने में सक्षम है, मदन चावला ने कहा।