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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची ‘द कनवर्जन’
New Delhi Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने अनुरोध किया है कि विनोद तिवारी निर्देशित फ़िल्म ‘द कनवर्जन’ को अधिक से अधिक सिनेमाघरों में दिखाया जाए और फ़िल्म को टैक्स फ्री किया जाए ताकि यह फ़िल्म अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
फ़िल्म की रूपरेखा भले ही साधारण लग रही हो किंतु इसका विषय गंभीर और ज्वलंत है। यह फ़िल्म भारत के एक एक परिवार के माता बहनों तक पहुंचनी परम आवश्यक है।
फ़िल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ में विद्या बालन का डायलॉग था कि फ़िल्म केवल तीन वजह से चलती है इंटरटेनमेंट, इंटरटेनमेंट और इंटरटेनमेंट। लेकिन यह वास्तविकता से कोसों दूर है। समाज को जागृत करने के लिए समाज का वास्तविक रूप भी पर्दे पर दिखना आवश्यक है चाहे वो रूप हमें कुरूप ही क्यों ना लगे और जनता का कर्तव्य है कि वह ऐसी संदेशपरक फिल्मों का साथ देवे। फिल्मों का अनुसरण लाखों युवा करते हैं, इसलिए फ़िल्ममेकर को अपनी बहादुरी दिखाते हुए ऐसी फिल्म भी देश और समाज तक पहुंचानी चाहिए जो लोगों को सतर्क करे, उनके जीवन में सुधार कर सके। उन्हें जिंदगी के बारे में सोचने का नया आयाम दे सके और जनता को भी ऐसी फिल्मों को बढ़ावा देना चाहिए जो समाज को जागृत कर सके। ‘द कनवर्जन’ एक विशेष मुद्दे पर बनी फिल्म है जो हमारी बहनों के कदम बहकने से रोकने में सहायता कर सकती है समय रहते सचेत कर सके, साजिशों के भंवर जाल में डूबने से रोक सके, क्यूंकि यदि कदम आगे बढ़े तो उसका भयानक दुष्परिणाम इन्ही बहनों को झेलना पड़ता है। लवजिहाद के कारण कई बहनें अपने जीवन से हाथ धो बैठी हैं या फिर दर्दनाक जीवन जी रही है। आजकल एक विशेष धर्म के लोग धोखा का सहारा लेकर स्वयं को हिन्दू बताकर हिन्दू धर्म की बहन बेटियों को अपने प्रेम के जाल में फंसा कर शादी करते हैं फिर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करते हैं। अगर लड़की तैयार ना हो तो उसे प्रताड़ित करते हैं। यौनशोषण और हत्या तक कर दी जाती है। धर्म परिवर्तन की आड़ में उनका हलाला भी करवाया जाता है, फिर उनका त्याग कर नई दुल्हन लाने की भी तैयारी की जाती है, क्योंकि मुस्लिम धर्म में तीन विवाह वैध है और विवाह के उपरांत उत्पन्न संतान माता की जिम्मेदारी होती है पिता की नहीं इसका पूरा फायदा उठाया जाता है।
लवजिहाद कोई आम समस्या नहीं एक विशेष वर्ग की सोची समझी साजिश का परिणाम है। लड़कियों को बरगलाने, धर्मपरिवर्तन कराने के लिए इस युवाओं को मोटी धन राशि भी विशेष धार्मिक संगठनों से प्राप्त होती है। यह एक बड़ा जाल है जिससे लड़कियों का बच पाना आसान नहीं होता।
लवजिहाद की इस गहन समस्या पर बनी फिल्म ‘द कनवर्जन’ भी अपने विषय के समान ही साजिश का शिकार हो रही है जिस पर पत्र लिखकर गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद सीट से बीजेपी विधायक सुनील शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी को समस्या से अवगत कराया है और अनुरोध किया है कि इस फ़िल्म को अनिवार्य रूप से सिनेमाघरों में चलाया जाए। फ़िल्म को टैक्स फ्री भी करवाया जाए क्योंकि यह फ़िल्म सच्चाई को उजागर करने वाली है।
विधायक का कहना है कि सामाजिक विषय पर बनी इस फिल्म के प्रदेश के सिनेमाघरों में शो ना के बराबर चल रहे हैं। जनपद में 10 से ज्यादा मल्टीप्लेक्स होने के बावजूद किसी में भी यह फिल्म नहीं लगी है। उन्होंने कहा कि फिल्म के निर्माता और निर्देशकों ने बड़ी ही हिम्मत दिखाई और इस फिल्म को जनता के बीच पहुंचाने का एक प्रयास किया। इस काम के लिए फिल्म की समस्त टीम प्रशंसा की पात्र है।
विधायक सुनील शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि लव जिहाद पर बनी फिल्म ‘द कन्वर्जन’ को यूपी में टैक्स फ़्री किया जाए। कलावे की आड़ में टोपी वाला चेहरा छुपाना चाहता है। वो सलीम, मोहन बनकर राधा को चुराना चाहता है। रोज जिस रंग को ओढ़कर सूरज की किरणें आती हैं, कट्टरपंथ की तलवार से उस भगवे को झुकाना चाहते हैं कुछ लोग।
विधायक का आरोप है कि बॉलीवुड माफिया द्वारा सोची-समझी साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है, क्योंकि इस फिल्म को देखकर हिन्दू समाज में एक जागृति आएगी, हिन्दू बहन-बेटियां इस सच्चाई से से अवगत होंगी और इनका पर्दाफाश हो जाएगा। इसी से इन माफियाओं के द्वारा फिल्म के शो प्रसारित नहीं किए जा रहे हैं।
फ़िल्म निर्देशक विनोद तिवारी की फ़िल्म ‘द कन्वर्जन’ को कुछ बड़े ग्रुप और हिन्दू विरोधी संगठन पर्दे तक ही नहीं पहुंचने दे रही है। जानबूझकर फ़िल्म में बाधाएं उत्पन्न की जा रही है। सिनेमाघरों में स्क्रीन नहीं दी जा रही है ताकि लोगों तक यह सच्चाई ना पहुंचे। विनोद तिवारी फ़िल्म की गहनता को लेकर उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात कर चुके हैं। अब मुख्यमंत्री के द्वार पहुंचने में बस दो कदम की दूरी बची है जो शीघ्र पूरी हो जाएगी। फ़िल्म की सच्चाई से विरोधी अवगत हैं और वे जानते हैं कि फ़िल्म यदि जनता तक पहुंचेगी तो परिणाम उनके लिए कितना भयंकर साबित हो सकता है इसलिए जानबूझकर कर साजिश के तहत फ़िल्म को सिनेमाघर और स्क्रीन से दूर किया जा रहा है। दिल्ली और मुम्बई में तो ना के बराबर थिएटर मिला है। देश के अन्य हिस्से में भी फ़िल्म को प्रदर्शित नहीं होने दिया जा रहा है। अब जनता जनार्दन ही फ़िल्म के लिए पर्दे की मांग कर फ़िल्म की वास्तविकता जन जन तक ला सकती है और अपनी बहन बेटियों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ पर रोक लगा सकती है। हलाला, तलाक, धर्मपरिवर्तन और हत्या जैसी कई गहन अपराधों को रोकने का कार्य कर सकती है।