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डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय के छात्रों ने जानी वाइल्डलाइफ डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग की बारीकियां

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग ने छात्रों के लिए ‘वाइल्डलाइफ डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग’ विषय पर सेमिनार का आयोजन करवाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में रिवरबैंक स्टूडियोज के डायरेक्टर एवं प्रख्यात डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर गौतम पांडेय छात्रों से रूबरू हुए। गौतम पांडेय अंतरराष्ट्रीय व् राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उत्कृष्ट फिल्मों के लिए अवार्ड से सम्मानित किए गए हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को वाइल्ड लाइफ डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग के विभिन्न पहलुओं व् तकनीक के बारे में बताना रहा।

मुख्य वक्ता गौतम पांडेय ने छात्रों को बताया कि फिल्म मेकिंग एक प्रक्रिया है जिसके बहुत सारे स्टेप्स हैं। एक फिल्म बनाने के लिए आपको किसी विषयवस्तु का चुनाव करना होता है। उस विषय को लेकर आपको गहन शोध करने की जरूरत है क्योंकि बिना शोध के विषय को दर्शकों के आगे नहीं रखा जा सकता। आपको अपनी फिल्म की कहानी के अंदर कुछ करेक्टर्स का निर्माण करना होता है। कहानी के आगे बढ़ने के साथ आपको अपने करेक्टर्स का विकास करना होता है जिससे कहानी के कथानक को बल मिलता है। इन्हीं करेक्टर्स के जरिये आप अपनी कहानी को पहले स्टेज ऑफ़ सस्पेंस तक व् बाद में कन्क्लूसिव एंडिंग तक ले जाते हो। एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के लिए स्क्रिप्ट, रिसर्च और रियलिटी मिक्स फिक्शन बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने तीन एक्ट स्ट्रक्चर – बिगिनिंग, मिडिल और एंड के बारे में छात्रों को समझाते हुए कहा कि किसी भी स्टोरी में ये तीन ही एक्ट होते हैं। उन्होंने बताया कि वाइल्ड लाइफ डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग बहुत ही रोमांचक व् चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। वाइल्ड लाइफ डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर बनने के लिए आपमें बहुत सारा पेशेंस व् जानवरों के व्यवहार की समझ होना बहुत जरूरी है। जानवरों के व्यवहार को समझने के लिए आपको उनके ऊपर गहन शोध करना होगा जिससे उनके प्रति आपकी समझ विकसित हो सके। उन्होंने अपनी बात को समझाने के लिए कुछ बिहाइंड दी कैमरा शॉट्स को दिखाया जिससे छात्र ये जान सकें कि एक फिल्म को बनाने के लिए किस तरह की तैयारी व् जानवरों को फिल्माने के लिए कितने सब्र की जरूरत है। उन्होंने अपनी कुछ बेहतरीन फिल्मों को भी छात्रों को दिखाया।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सविता भगत ने कहा कि फिल्म मेकिंग के लिए एक क्रिएटिव कन्टेंट की बहुत आवश्यकता होती है, जिसके ज़रिए हम ऑडियंस का ध्यान आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि वाइल्डलाइफ पर फिल्म बनाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता और इसके पीछे बहुत मेहनत छिपी होती है। अगर आप एक वाइल्डलाइफ फिल्ममेकर बनना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले वाइल्डलाइफ को लेकर के अपने ज्ञान को बढ़ाना होगा व् जानवरों के व्यवहार की समझ विकसित करनी होगी।

इस कार्यक्रम का आयोजन पत्रकारिता विभाग के सहायक प्रोफेसर विरेंद्र सिंह की देख-रेख में हुआ जिन्होंने मुख्य वक्ता का स्वागत वक्तवय रखा व् उनके जीवन परिचय से छात्रों को अवगत कराया। छात्रों ने बड़े ही शांतिपूर्ण तरीके से इस सेशन में भाग लिया। अंत में पत्रकारिता विभागाध्यक्ष रचना कसाना ने मुख्य वक्ता व सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। इस कार्यक्रम में राजकीय महिला महाविद्यालय, फरीदाबाद के पत्रकारिता विभाग की छात्राओं ने भी भाग लिया।

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