Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में पूर्व छात्रों का 50 साल बाद हुआ पुनर्मिलन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 15 सितंबर। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में आज 1974 बैच के पूर्व छात्रों का स्वर्ण जयंती पुनर्मिलन कार्यक्रम आयोजन किया गया। तत्कालीन वाईएमसीए इंजीनियरिंग संस्थान से उत्तीर्ण 1970-1974 बैच के लगभग 50 पूर्व छात्रों ने जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के साथ 50 साल के शानदार संबंधों के पूरा होने का जश्न मनाया।
उल्लेखनीय है कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय वर्ष 1969 में एक डिप्लोमा इंजीनियरिंग संस्थान के रूप में शुरू हुआ था और 1974 में डिप्लोमा इंजीनियर्स का दूसरा बैच संस्थान से उत्तीर्ण हुआ था।
इंजीनियर दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं कॉर्पोरेट मामले प्रकोष्ठ द्वारा स्वर्ण जयंती पुनर्मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर और एलुमनाई एसोसिएशन वाईएमसीए माॅब के अध्यक्ष श्री सुखदेव सिंह ने की।
भूतपूर्व विद्यार्थियों ने कुलपति प्रो तोमर से भी मुलाकात की तथा विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यक्रमों, सुविधाओं तथा भावी योजनाओं की जानकारी ली। भूतपूर्व विद्यार्थियों में कई जाने माने उद्यमी तथा कारपोरेट जगत के बड़े पदाधिकारी शामिल थे। उन्होंने कुलपति के साथ अपने अनुभव साझे किये तथा विश्वविद्यालय को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्व छात्रों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानों का दौरा भी किया और विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को प्रदान की जा रही सुविधाओं का अवलोकन किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. तोमर ने सभी को इंजीनियर दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस संस्थान के पूर्व छात्र, जो ज्यादातर इंजीनियर और टेक्नोक्रेट हैं, विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर हैं और इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। संस्थान और पूर्व छात्रों के बीच संबंध को और अधिक सक्रिय और सार्थक बनाने पर बल देते हुए कुलपति ने कहा कि पूर्व छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ रहे विद्यार्थियों के करियर निर्माण में मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आये पूर्व छात्रों के प्रति आभार जताया और संस्थान के प्रति उनके लगाव की प्रशंसा की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वाईएमसीए मॉब के अध्यक्ष श्री सुखदेव सिंह ने विश्वविद्यालय में अनुसंधान को सहयोग देने के लिए माॅब रिसर्च फेलोशिप (एमआरएफ) शुरू करने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने उद्यमी पूर्व छात्रों से अपने सीएसआर फंडिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों को सहयोग देने आह्वान किया। एसोसिएशन की गतिविधियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए उन्होंने बताया कि संस्थान और इसके पूर्व छात्रों के बीच संबंध प्रगाढ़ बनाए रखने के लिए वर्ष 1985 में एसोसिएशन की स्थापित हुई। इस समय एसोसिएशन के 10 हजार से अधिक सदस्य हैं जोकि हर साल बढ़ रहे है। एसोसिएशन के लगभग 20 सक्रिय चैप्टर हैं जिनमें से सात विदेशों में हैं।
इससे पहले सत्र को डीपवाटर ड्रिलिंग एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन श्री नरेश कुमार बोनी ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक श्री राज भाटिया ने भी संबोधित किया तथा अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने अपने करियर में सफलता का श्रेय संस्थान को देते हुए मातृ संस्था को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम के अंत में डीन (कॉलेज) प्रो. तिलक राज ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो. विक्रम सिंह, डॉ. संजीव गोयल और प्रो. एम.एल. अग्रवाल भी उपस्थित थे।