Faridabad NCR
मां के आंचल में आने के बाद हर व्यक्ति सभी दुखों से दूर हो जाता है : विजय प्रताप
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 सितंबर। शुक्रवार को ओल्ड फरीदाबाद बसेलवा कॉलोनी वाल्मीकि मोहल्ला एवं एनआईटी-1बी में मां भागवती जागरण का आयोजन किया गया। दोनो जगह मां भागवती जागरण में वरिष्ठ काग्रेंसी नेता विजय प्रताप ने शिरकत कर आर्शीवाद प्राप्त किया। इस मौके पर विजय प्रताप ने कहा कि मां के आंचल में आने के बाद हर व्यक्ति सभी दुखों से दूर हो जाता है। जो सच्चे मन से मां के दरबार में आता है, उसका बेड़ा पार हो जाता है। यदि हम सच्चे मन से मां की पूजा करें तो मां हमें इस भवसागर से पार ले जा सकता है। हमेशा दूसरों की भलाई के लिए प्रयास करने चाहिए। देवी भगवती की दुर्गा बनने की कहानी बताते हुए श्री प्रताप ने कहा कि पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में दुर्गम नाम का एक दैत्य था। दुर्गम ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया था और सभी वेदों पर वश कर लिया था। इससे देवगणों का बल क्षीण हो गया था। फिर इस दैत्य ने स्वर्ग पर भी अपना आधिपत्या स्थापित कर लिया। इस मुश्किल की घड़ी में देवी भगवती को याद किया। देवी भगवती ने शुंभ-निशुंभ, मधु-कैटभ तथा चण्ड-मुण्ड का वध किया था। सभी ने इस शक्ति का आह्वान किया। देवताओं के आह्वान करने से देवी प्रकट हुईं। मां ने पूछा कि सभी ने उन्हें क्यों बुलाया। सभी ने दुर्गम दैत्य के बारे में देवी भगवती को बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह दुर्गम दैत्य ने स्वर्ग पर आधिपत्य हासिल कर उन्हें परेशान कर रखा है। देवताओं की बात सुनकर देवी ने उन्हें दुर्गम का वध करने का आश्वासन दिया। इस बात का पता राजा दुर्गम को चला। यह दैत्यों का राजा था। यह सुन दुर्गम ने देवताओं पर फिर से आक्रमण कर दिया। फिर मां भगवती ने दुर्गम की सेना का संहार किया। दुर्गम नाम के दैत्य का वध करने पर ही मां भगवती का नाम दुर्गा पड़ा। मां दुर्गा और इनके स्वरूपों ने केवल दुर्गम दैत्य का ही नहीं, बल्कि महिषासुर, रक्तबीज, शुंभ-निशुंभ, मधु-कैटभ तथा चण्ड-मुण्ड का वध कर देवताओं की रक्षा की है। विजय प्रताप ने ओल्ड फरीदाबाद एवं एनआईटी नं. 1 में विजय प्रताप ने मंदिर कमेटी को सुंदर आयोजन के लिए बधाई दी और और 21000 तथा 5100 की राशि भेंट स्वरूप प्रदान की। इस मौके पर नारायण सैनी, सचिन सैनी, रोहित सैनी, सजयं सैनी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।