Connect with us

Faridabad NCR

पराली जलाने वालों पर होगा केस दर्ज : डीसी विक्रम सिंह

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 10 अक्तूबर। डीसी विक्रम सिंह ने जिला फरीदाबाद के किसानों से धान की कटाई के बाद पराली ना जलाने का आह्वान किया है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे पराली का उचित प्रबंधन कर इसे आईपीएल के एथनॉल प्लांट के लिए बेचे। ताकि देश ईंधन के लिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े।

इसके साथ ही डीसी विक्रम सिंह ने कहा है कि पराली जलाने वालों के खिलाफ केस भी दर्ज किया जाएगा और तुरंत  कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, वहीं खेतों में मित्र कीटों को भी नुकसान पहुंचता है।

12 टीमें मारेंगी छापे

अधिकारियों की टीमों को फील्ड में रहने के निर्देश देते हुए डीसी  ने कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों की टीमों को रविवार के दिन भी विशेष रूप से गश्त करके पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए 12 टीमों का विशेष तौर पर गठन किया गया है। ताकि पर्यावरण के संरक्षण के साथ ही पराली का उचित प्रबंधन भी हो सके। उन्होंने कहा कि किसान पराली जलाने की बजाय उसका उचित प्रबंधन कर लाभ कमाएं। पर्यावरण का संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। इसमें किसान को भी सहयोग देना चाहिए।

कृषि विभाग के उपनिदेशक की अपील पराली न जलाएं किसान   

जिला में किसानों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कैम्प चलाए जा रहे हैं।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ पवन कुमार ने जिला के किसानों से धान की पराली न जलाने की अपील करते हुए कहा कि धान के बचे अवशेष में खेती के लिए उपयोगी 17 तत्व पाए जाते हैं। इसलिए इन्हें जलाए नही बल्कि खेत में ही जोत कर खेत की उपजाऊ शक्ति को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला में धान की कटाई का समय आ गया है। ऐसे में कृषि विभाग द्वारा स्कूलों में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए 20 टीमें स्कूलों में जा रही है ताकि स्कूलों के विद्यार्थी भी किसानों को पराली प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर जागरूकता अभियान के भागीदार बनकर किसानों में जागरूकता लाई जा रही हैं।

डॉ पवन कुमार ने बताया कि धान के फसल अवशेष में आर्गेनिक कार्बन कंटेंट भी उपलब्ध होता है। जिसमें नाइट्रोजन 0.65 प्रतिशत व पोटेशियम की मात्रा करीब 0.30 प्रतिशत होती है। उन्होंने बताया की चूंकि जिला फरीदाबाद की भूमि में ऑर्गेनिक कार्बन कंटेंट की मात्रा 0.2 से 0.4 प्रतिशत के करीब है। ऐसे में धान की फसल अवशेष को पूसा डी कंपोजर की मदद से खेत मे ही सड़ा कर खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ाई जा सकती है।

डॉ पवन कुमार ने आगे कहा कि किसान जीरो टिलेज यंत्र के माध्यम से खड़ी फसल में भी गेहूं की बिजाई कर सकते है। रोटावेटर के माध्यम से खेत को जोत सकते है व सुपर सीडर की मदद से जुताई व बिजाई दोनों एक साथ  की जा सकती है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कटाई से पहले ही इन सीटू एक्स सीटू कृषि यंत्र उपलब्ध कराए गए है जिस पर 50 प्रतिशत की अनुदान राशि व्यक्तिगत किसान व 80 प्रतिशत की अनुदान राशि कस्टम हायरिंग सेंटर को दी गई है।

Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com