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दीवाली पर मां लक्ष्मी को करें पीली कौड़ी अर्पित : डा. निधि अग्रवाल

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 21 अक्तूबर। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डा. निधि अग्रवाल ने कहा कि इस बार दिवाली के बाद सूर्यग्रहण है जो कि 26 अक्तूबर को यानी दिवाली के अगले दिन पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसके सूतक 25 की रात और 26 की सुबह 4.30 लग जाएंगे उन्होंने कहा कि सूतक बारह घंटे पहले लगते हैं और ग्रहण का समय 1 घंटे 30 मिनट है जोकि 4.31 में शुरू होंगे 5. 57 तक रहेगा। इस समय में भजन कीर्तन, मंत्र, जाप, हवन, आदि करें तो बहुत विशेष लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि अगले दिन 27 अक्तूबर को अन्नकूट गोवर्धन मनाया जाएगा तथा साथ साथ लोग भैयादूज का तिलक भी शाम को कर सकते हैं।
दीवाली के महत्व पर ज्योतिषाचार्य डा. निधि अग्रवाल ने बताया कि दिवाली हिन्दुओं का बहुत खुशियाँ देने वाला त्योहार है जो की कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि माँ लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर पधारती हैं और धनधन्य का आशीर्वाद देती है। साथ ही यह भी माना जाता है कि श्रीराम लंकापति रावण को पराजित कर अपने घर अयोध्या 14 वर्ष के बनवास के बाद आए थे और उसी की ख़ुशी में पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था। हिन्दू धर्म में दिवाली के मुहूर्त का बहुत महत्व है। शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी गणेश की पूजा की जाती है। डा. निधि अग्रवाल ने पूजा की विधि बतातेे हुए कहा कि जब हम पूजा करें तो सबसे पहले कलश को तिलक लगाएं तथा उसके बाद फिर चावल और फूल चढ़ाएं। फिर लक्ष्मी जी और गणेशजी को पाँच गंवय से स्नान कराकर,पुष्प, रोली,चावल चढ़ाए और दीपक जलाएँ। ज्योतिषाचार्य निधि अग्रवाल ने बताया कि दीवाली मुख्य रूप से धन धान्य की देवी महालक्ष्मीजी, रिद्धि सिद्धि प्रदाता गणेशजी ,विद्या की देवी सरस्वती माता की पूजा आराधना का त्योहार है और हम सरस्वती जी की पूजा इसलिए करते हैं कि वो हमारी बुद्धि को सद मार्ग पर रखें। उन्होंने कहा कि ज्योतिष की दृष्टि से ग्रहों को दीवाली के दिन इस तरह से ध्यान रखना चाहिए जिसमें मिट्टी के दिए मंगल,जल चंद्रमा, मुद्रा शुक्र, चाँदी के सिक्के चंद्रमा, फूल माला,कमल शुक्र, पान पत्ता बुध, आरती व पूजा गुरु, का प्रतीक है। वहीं दीवाली पर धनधान्य में बढ़ौत्तरी के लिए उन्होंने बताया कि दिवाली पूजन में माँ लक्ष्मी को 11 अभिमंत्रित पीलीकोड़ी अर्पण करें । दूसरे दिन लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें। दिवाली पर श़ंख ज़रूर बजायें जिसकी ध्वनि दूर तक जाए। डा. निधि अग्रवाल ने बताया कि इससे गरीबी खत्म होती है। इसके अलावा दीवाली पर माँ लक्ष्मी का मंत्र जाप कमल गट्टे की माला से करें और कमल गट्टे की माला या कमल का फूल ज़रूर चढ़ा है। धन संपत्ति के लिए व्यावसायिक स्थान पर यह घर पर लक्ष्मी यंत्र की स्थापना करें। दिवाली पर धन संपत्ति कामना पूर्ति के लिए श्रीयंत्र लक्ष्मी,कनक धारा और कुबेर यंत्र का पूजन अवश्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त -शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक तथा लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट , प्रदोष काल – शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक, वृषभ काल – शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

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