Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 29 मार्च मज़दूरों के पलायन को रोकने में सरकारें फेल हो चुकी हैं। हरियाणा, दिल्ली एवं यूपी से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं, जो एक भयावह स्थिति है। ऐसे हालातों में जब पूरे देश में लॉक डाउन है, भारी संख्या में मजदूरों का पलायन करना यह साबित करता है कि कहीं न कहीं सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में फेल साबित हुई है। उक्त वक्तव्य कांग्रेसी नेता विजय प्रताप ने वर्तमान हालातोंं पर बयान जारी करते हुए कहा कि केन्द्र और प्रदेशों की सरकारों ने इस बेहद अहम और संवेदनशील विषय पर कोई काम ही नहीं किया। इतने बड़े पैमाने पर जब लोग सरकार को वित्तीय सहयोग भी कर रहे हैं, फिर भी सरकार ने कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि क्या सरकार को ये समझ नहीं की इन गऱीब मज़दूर परिवारों को केवल राशन देना है, जिसके ना मिलने की वजह से ये लोग पलायन करने को मजबूर हैं। विजय प्रताप ने कहा कि इन मजदूरों को मात्र 100 रूपए प्रतिदिन एक परिवार को राशन के लिए देना था। अगर दिल्ली एनसीआर में ऐसे 30 लाख परिवार भी हैं, तो इनके राशन पर 30 करोड़ प्रतिदिन यानी एक महीना में 900 करोड़ राशन का खर्चा आता है। क्या केन्द्र सरकार, दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा की सरकारें मिलकर इतना पैसा भी इन गऱीबों के भोजन के लिए नहीं खर्च कर सकती। वो भी जब टाटासंस जैसी एक ही कम्पनी ने 1000 करोड़ रुपया सरकार को दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की सही सोच होती तो ये पलायन भी रुकता और इन गऱीबों को इतना जोखिम और कष्ट उठाकर नहीं जाना पड़ता। उन्होंने सवाल उठाया कि जऱा सोचो इन मजदूरों के पलायन से लॉक्डाउन का मक़सद तो फेल हो ही रहा है साथ ही वाइरस संक्रमण का ख़तरा भी कई गुणा बढ़ रहा है। उन्होंने केजरीवाल एवं योगी जी से सवाल किया कि उनको यह खय़ाल नहीं आया की बस लगाने की बजाय, इन लोगों को ये भोजन देने की व्यवस्था की ज़रूरत है। विजय प्रताप ने कहा कि अभी भी संभल जाए सरकार तो देश के लिए अच्छा होगा।