Faridabad NCR
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने विद्यार्थियों को नशे से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में किया जागरूक
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीकांत जाधव द्वारा हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के लिए चलाया गया जागरुकता अभियान के तहत नारकोटिक्स टीम प्रभारी इंस्पेक्टर सतपाल की टीम ने फरीदाबाद के तिलपत गांव में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को नशा मुक्ति के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर एनसीबी टीम के साथ स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती पूनम मेहता, शिक्षक शमशेर सिंह राणा बृजेश शर्मा तथा आठवीं से बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा हरियाणा से नशे को खत्म करने के लिए चलाई गई नशा मुक्त हरियाणा-नशा मुक्त भारत मुहिम के तहत एनसीबी की टीम ने तिलपत गांव में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पहुंचकर वहां पर मौजूद छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों को नशे के दुष्प्रभाव तथा दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करते हुए इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी। स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती पूनम मेहता ने नारकोटिक्स टीम का भव्य स्वागत किया और उन्हें गुलदस्ता भेंट करके जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए आमंत्रित किया। नारकोटिक्स टीम ने समाज को नशे जैसी कुरीतियों से बचाने पर बल दिया और पूरे राज्य में नशा मुक्त हरियाणा जागरूकता अभियान चलाए जाने के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किशोरावस्था में नवयुवक नशे की चपेट में बहुत आसानी से आ जाते हैं। वह सोचते हैं कि एक दो बार नशा करने से कुछ नहीं होगा। वह सोचते हैं कि ऐसा क्या होता है कि नशा करने के बाद व्यक्ति नशे में झूमने लगता है और यही सोचकर उसके मन में नशा करने की इच्छा जाहिर होती है और इसी इच्छा के कारण नवयुवक नशा करने की कोशिश करता है। पहली बार जब कोई व्यक्ति नशा करता है तो उसे बहुत अच्छा महसूस होता है और धीरे-धीरे वह नशे का आदि होता चला जाता है। काफी समय बाद जब उसे एहसास होता है कि नशा अच्छी चीज नहीं है और जब नशे के दुष्प्रभाव शुरू होते हैं तो वह उसे छोड़ने की कोशिश करता है परंतु नशा उसे पूरी तरह जकड़ लेता है और व्यक्ति चाहकर भी इसके चंगुल से नहीं निकल पाता। कहानी का तात्पर्य है कि यदि नशे से बचाव करना है तो नशे की पहली घूंट से ही दूर रहना होगा। यदि नवयुवक अपने दिमाग पर कंट्रोल करके नशे की पहली डोज की चपेट में आने से बच जाता है तो उसके बाद सारी उम्र नशे की चपेट में आने से बचा रहता है। इसलिए सभी विद्यार्थी इस बात का ध्यान रखें कि नशा कोई अच्छी चीज नहीं है और इसकी शुरुआत पहली घूंट से ही होती है। तो इससे बचाव करने के लिए इससे दूर रहें और अपने साथियों तथा परिजनों को भी इसे दूर रखने की कोशिश करें तथा उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें। कार्यक्रम के समापन पर नारकोटिक्स टीम ने सभी शिक्षकगणों तथा विद्यार्थियों को नशा नहीं करने तथा अपने साथियों को भी नशे से बचाव करने की शपथ दिलवाई। इसके साथ ही जागरूकता कार्यक्रम का समापन किया गया। स्कूल के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों ने नारकोटिक्स टीम द्वारा चलाए गए इस जागरूकता अभियान के लिए उन का तहे दिल से धन्यवाद किया।