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Faridabad NCR

सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल ने रोबोटिक्स सिटी चैंपियनशिप जीती

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : फरीदाबाद के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक, सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल ने 17 दिसंबर 2022 को अल्पाइन कॉन्वेंट स्कूल, गुडग़ांव में आयोजित वर्ल्ड रोबोटिक्स ओलंपियाड (डब्ल्यूआरओ) में फ्यूचर इनोवेटर्स के रूप में वरिष्ठ वर्ग में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता है।

डब्ल्यूआरओ 2022 सभी रोबोटिक उत्साही लोगों के लिए एक बड़ा मंच है जिसके माध्यम से छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, सेंसर और रोबोटिक्स से संबंधित विभिन्न मॉड्यूल पर काम करने और अपनी रूचि को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है एवं छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलता है। डब्ल्यूआरओ के लिए इस वर्ष की थीम माई रोबोट माई फ्रेंड है।
सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल में तीन प्रशिक्षकों सुश्री नंदा शर्मा, दानिश और विक्रम सिंह के मार्गदर्शन में रोबोमिशन और फ्यूचर इनोवेटर्स श्रेणी में तीन टीमों का प्रतिनिधित्व किया गया।
पुरातात्विक और रक्षा उद्देश्यों के लिए लाइन फॉलोवर, आईआर सेंसर, आईआर रिसीवर मॉड्यूल की अवधारणा के साथ टीम रोबोब्रेन कोडेड रोबोट टीम के सदस्य थे – सैश्रिक सिंह, अमानत, सौरभ सिंह और कोच थीं सुश्री नंदा शर्मा, एटीएल मेंटर और प्रभारी। इस टीम ने फ्यूचर इनोवेटर सीनियर वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
टीम रोबोजेनियस को दानिश, भौतिकी शिक्षक और एटीएल मैंटर के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित किया गया। टीम रोबोजेनियस के सदस्य अभय सिंह नागरकोटी, विष्णु मिश्रा और कृष खन्ना थे। टीम ने डब्ल्यूआरओ की थीम के अनुसार अपना रोबोट तैयार किया और यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेंसर और मशीन लर्निंग को लागू करके विकलांग लोगों के लिए हैंड जेस्चर कॉन्सेप्ट पर आधारित था। इस टीम ने फ्यूचर इनोवेटर्स सीनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता। विजेता टीमों को मेडल, ट्राफी, सर्टिफिकेट और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

विक्रम सिंह, कोच के मार्गदर्शन में टीम रोबोब्रेन ने कोडेड सौर ऊर्जा संचालित रोबोट पर भार्गव पांडे, शुभम और एमडी अमान के साथ मिलकर काम किया। इस टीम को फ्यूचर इनोवेटर्स जूनियर कैटेगरी में इसके कॉन्सेप्ट और प्रेजेंटेशन के लिए काफी सराहा गया।
सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन डी.पी भड़ाना, एडवोकेट (सर्वोच्च न्यायालय) ने एटीएल छात्रों को बधाई दी और बताया कि हम नीति आयोग और अटल इनोवेशन मिशन के माध्यम से भारत सरकार की तकनीकी रूप से की गई पहल के कारण अब स्कूलों में भविष्य के इंजीनियर तैयार कर रहे हैं। यह छात्रों को भारत के दूरस्थ क्षेत्र में भी तकनीकी निहितार्थ सीखने की सुविधा प्रदान कर रहा है। उन्होंने आगे बताया कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं छात्रों को अपनी प्रतिभा, कल्पनाशीलता और कार्यान्वयन दिखाने के लिए मंच प्रदान करती हैं।
सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक, सत्येंद्र भड़ाना, एडवोकेट (सर्वोच्च न्यायालय) ने भी छात्रों को रोबोटिक्स के शानदार काम के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि यह उनके कोच, माता-पिता और वरिष्ठों का मार्गदर्शन और प्रेरणा है जिसके परिणामस्वरूप ऐसी अद्भुत उपलब्धियां हासिल हुई हैं। इस प्रकार के ओलंपियाड और चैंपियनशिप स्कूली छात्रों को रोबो सर्जरी जैसे सभी क्षेत्रों में वर्तमान में कार्यान्वित रोबो अवधारणाओं को सीखने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करते हैं।
सूरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती शुभ्रता सिंह ने भी छात्रों को अपना आशीर्वाद दिया और कहा कि इस तरह की उपलब्धियां छात्रों को स्वयं और दूसरों को भी भाग लेने और अपनी प्रतिभा को उचित स्थानों पर दिखाने के लिए प्रेरित करती हैं। तो उसी के अनुसार आपकी रुचिऔर प्रतिभा का पोषण किया जा सकता है। हमें आशा है कि हमारी टीमें सुरजकुंड इंटरनेशनल स्कूल की इसी एटीएल प्रयोगशाला में एक भविष्यवादी रोबोट कोड  निर्माण  करेंगी।

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