Faridabad NCR
आयशर विद्यालय सैक्टर- 46 फरीदाबाद में मनाया गया ‘प्री प्राइमरी विंग’ का वार्षिक उत्सव
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : आयशर विद्यालय सैक्टर 46 फरीदाबाद में दो दिवसीय प्री प्राइमरी विंग द्वारा वार्षिक उत्सव मनाया गया। जिसका विषय था ‘फैंटेसिया… फ्लैश ऑफ एडवेंचर।’पहले दिन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती सुमन बाला (मेयर ऑफ फरीदाबाद) एवं विशेष अतिथि के रुप में श्री अर्जुन जोशी (निर्देशक गुड अर्थ फाउंडेशन) श्रीमती प्रीति भटनागर (प्रिंसिपल ऑफ किड्स पब्लिक स्कूल) उपस्थित रहे। दूसरे दिन के कार्यक्रम का विषय ‘फैंटेसिया… टेल्स फ्रॉम द वंडरलैंड’ था। मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती ज्योत्सना जसवाल (सॉफ्ट स्किल ट्रेनर) एवं विशेष अतिथि के रुप में श्रीमती प्रीति भटनागर उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कल्पना शक्ति एवं क्रियात्मकता का विकास करना था। वर्तमान समय की व्यस्त जिंदगी में हम अपने पारंपरिक खेलों से बहुत दूर जा चुके हैं और आज बच्चे उन खेलों को प्रायः भूलते जा रहे हैं एवं मोबाइल, कंप्यूटर आदि गैजेट्स में ही उलझे रहते हैं। इससे वे अपनी क्रियात्मकता व कल्पनाशक्ति से कहीं दूर होते जा रहे हैं। कार्यक्रम में बच्चों ने काल्पनिक कहानियों को नृत्य, संवाद आदि के द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया एवं बताया कि हर कहानी में कोई न कोई संदेश छिपा होता है जैसे- हमें नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। शारीरिक सुंदरता से अधिक मन का सुंदर होना आवश्यक है। कभी भी मेहनत से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि परिश्रम से हम सब कुछ प्राप्त सकते है आदि। बच्चों का सराहनीय प्रयास देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। पूरा हॉल तालियों से गूँज उठा। मुख्य अतिथि ने बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों का प्रदर्शन शानदार, शिक्षाप्रद एवं अद्भुत रहा।उन्होंने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए तभी असली आनंद की अनुभूति होगी।
गुडअर्थ फाउंडेशन स्कूल्स के निर्देशक श्री अर्जुन जोशी जी ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चे की भागीदारी अपने- आप में महत्वपूर्ण एवं शानदार रही। प्रत्येक बच्चे में आत्मविश्वास भरपूर था। उनकी संवाद शैली प्रभावशाली थी।
विद्यालय की प्राचार्या सुश्री अर्पिता चक्रवर्ती ने बच्चों, अभिभावकों एवं अध्यापकों की कड़ी मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा के साथ-साथ बच्चों की अन्य गतिविधियाँ भी बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ‘हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए कभी भी किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि यदि हमारा स्वयं पर विश्वास होगा तो सपनों का साकार होना तो निश्चित है।’ इसी सुविचार के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।