Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj :हरियाणा सरकार की ई-टेंडरिंग योजना को लेकर अब फरीदाबाद के सरपंचों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में रविवार को कई गांवों के सरपंचों ने पृथला विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक पंडित टेकचंद शर्मा से उनके सीकरी स्थित कार्यालय पर मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज करवाया और उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। सरपंचों ने आरोप लगाया कि ई-टेंडरिंग व्यवस्था पूरी तरह से गलत है और यह गांवों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का सीधे तौर पर अपमान है, जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। सरपंचों की बात सुनने के बाद पूर्व विधायक पंडित टेकचंद शर्मा ने कहा कि वह भी ई-टेंडरिंग के पक्ष में कतई नहीं है क्योंकि यह सरपंचों के अधिकारों पर कुठाराघात है, सरपंच गांव का एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि होता है और उसके बाद गांवों की अनेकों समस्याएं होती है, ऐसे में मात्र दो लाख रूपए की राशि से वह क्या कर सकता है, इस राशि से गांव की सफाई तक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत जो पारदर्शिता की बात की जा रही है, सभी सरपंच पारदर्शी होते है और अपने अकाउंट सही रखते है, ऐसे में अगर अधिकारियों को उनके कार्याे पर कोई दिक्कत है तो वह उनकी जांच करें। श्री शर्मा ने कहा कि 20 लाख से ऊपर के विकास कार्य पहले भी टेंडर के माध्यम से होते थे, अब इस प्रणाली के तहत सरपंचों का कोटा 20 लाख से घटाकर 2 लाख कर दिया है, जो गलत है, सरकार को ऐसा प्रावधान करना चाहिए कि सरपंच इतना स्वतंत्र हो, जो ग्राम पंचायत इकाई को स्वतंत्र रूप से चला सके इसलिए सरपंचों को कम से कम 10 से 15 लाख रूपए साल में विकास कार्याे के लिए मिलने का अधिकार होना चाहिए। पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने कहा कि आज प्रदेश में हर व्यवस्था ऑनलाइन हो गई है, ऐसे में सरपंचों के कार्य भी ऑनलाइन है, इसलिए अधिकारियों की जिम्मेवारी बनती है कि वह उनके कार्याे की चेकिंग करें, अगर कोई कमी है तो उसे दूर करवाया जाए। उन्होंने आए हुए सरपंचों को विश्वास दिलाया कि वह इस मुद्दे को लेकर जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर उनके समक्ष रखेंगे और उनसे सरपंचों को स्वतंत्र रूप से कम से कम 10 से 15 लाख रूपए की राशि विकास के लिए दिए जाने के प्रावधान की मांग रखेंगे और उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल गांवों के सरपंचों के पक्ष में ही फैसला लेंगे। इस अवसर पर गांव ततारपुर के नवनियुक्त सरपंच सुरेंद्र कुमार शर्मा, गांव देवली के सरपंच विजय राम, भगोला से राकेश वशिष्ठ, अखिल वशिष्ठ, संदीप कुमार, तोताराम सहित अनेकों मौजिज लोग मौजूद थे।