Faridabad NCR
देशों मै देश हरियाणा जित दूध दही का खाणा की स्टाल तो अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुडं हस्तशिल्प मेला में पर्यटकों को लुभा ही रही है
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 11 फरवरी। देशों मै देश हरियाणा जित दूध दही का खाणा की स्टाल तो अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुडं हस्तशिल्प मेला में पर्यटकों को लुभा ही रही है। वहीं शुगर फ्री मोटा अनाज से तैयार बिस्किट मेले में मोटे अनाज के व्यंजनों की धूम मची हुई है।
गौरतलब है कि 36वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुडं हस्तशिल्प मेले में संयुक्त राष्ट्र महासभा की घोषणा अनुरूप सरकार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने की पहल का असर पर्यटकों में खास तौर पर देखने को मिल रहा है।
मेला परिसर में छोटी चौपाल के सामने सौप नम्बर 708 व 709 पर हरियाणा के खाने पीने की शान और शौकत बिलौणी की दही लस्सी और बाजरे की रोटी, खिचङी का पर्यटकों को खाने और पीने के लिए मिल रहा है वहीं मोटा अनाज बाजार के शुगर फ्री बिस्किट के साथ साथ मक्का के बिस्कुट,बाजरे के लड्डू, बाजरे चूरमा, मल्टीग्रेटिड बिस्किट सहित अन्य मोटे अनाज के व्यंजन पर्यटकों को खासे भा रहे हैं। दिनभर इस स्टाल पर मोटा अनाज के व्यंजनों का स्वाद चखने के लिए भारी संख्या में लोगों की खासी उत्सुकता देखने को मिल रही है। यहां तैयार बाजरा की रोटी और खिचङी, चूरमा, दही लस्सी खादय पदार्थों की पहली पसंद बना हुआ है। छोटी चौपाल के पास सरकार की ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किये गये मोटा अनाज से जुड़े व्यंजनों की धूम
मेला परिसर में 708 व 709 सौप में बनी स्टालो पर दिनभर मेला देखने आए लोगों की भीड़ जमा रहती है। इन स्टालो पर नियमित रूप से बाजरे की खिचङी, चूरमा,बाजरे की रोटी, हरियाणा की बिलौणी की दही और लस्सी पर्यटकों के लिए तैयार की जा रही हैं।
हिसार की सुमित्रा मंगाली, शारदा गंगवा,संगीता पायल और निर्मला हिसार कहती हैं कि हरियाणा आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और नाबार्ड योजना के तहत सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में फ्री में दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाता है। वहीं उन्हें 50 रूपये प्रति दिन भत्ता और ठहरने,
खाने पीने तथा परिवहन सुविधा भी दी जाती है। इसके अलावा माल तैयार करने पर बेचने के लिए बाजार की व्यवस्था और आन लाइन प्लेट फार्म प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन के लिए खरीद भी करवाई जा रही है।
उन्होंने आगे बताया कि भारती फाउण्डेशन एनजीओ के साथ जुङकर हिसार मण्डल मे 15000 महिलाओं के परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने सहित गरीबी से उभर कर बेहतर जीवन यापन करने और बच्चों को शिक्षित करने और परिवारों का भरपूर पालन पोषण करने मे बहुत मदद मिल रही है।
महिलाओं ने बताया कि बाजरा की रोटी और चूरमा, दही, लस्सी बन रहा पहली पसंद हरियाणा के हिसार की सुमित्रा मंगाली, शारदा गंगवा,संगीता पायल और निर्मला हिसार कहती हैं कि वे पहली बार मेले में अपनी स्टाले लगा रही हैं,इस बार वे सरकार की मोटा अनाज वर्ष मनाने की पहल पर सभी व्यंजन मोटा अनाज से जुड़ी खादय वस्तुएं पर्यटकों को परोस रही हैं। उनका कहना है कि इस बार मेले में पर्यटक बाजरा अनाज के उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं। बाजरा की रोटी,खिचङी, चूरमा और हरी सब्जियों का जायका दर्शकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कहती हैं कि मोटा अनाज सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है,इनसे तैयार व्यंजन स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं,ऐसे में सरकार की सोच है कि मोटा अनाज से जुड़े उत्पादों और व्यंजनों को मेले के माध्यम से प्रदर्शित किया जाए,ताकि लोगों का रूझान मिलेट्स की ओर बढाया जा सके।