Faridabad NCR
उत्तर प्रदेश के कलाकार वुड कार्विंग की पुस्तैनी कला को बढा रहे हैं आगे

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 14 फरवरी। 36 वें सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय शिल्प मेला में पर्यटक बुनकरों एवं शिल्पकारों की कृतियों का अवलोकन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के 32 वर्षीय कलाकार रिहान अहमद वुड कार्विंग की पुस्तैनी कला को आगे बढा रहे हैं। यह परिवार गरीब परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क वुड कार्विंग का प्रशिक्षण भी दे रहा है, ताकि उनके हुनर को तराश कर स्वावलंबी बनाया जा सके। इस परिवार की तीसरी पीढी इस कला को बढावा दे रही है।
शिल्प मेला परिसर में स्टॉल संख्या-537 पर रिहान अहमद अपने पिता दिलशाद के साथ वुड कार्विंग के उत्पादों की ओर पर्यटकों विशेषकर महिलाओं का बरबस ही ध्यान खींच रहे हैं। रिहान के दादा ईशाक ने वुड कार्विंग की कला को मेरठ निवासी अपने साला (रिस्तेदार) से शादी के बाद सीखी थी। रिहान अहमद को इस कला को बढावा देने के लिए वर्ष 2006 में राष्टï्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें यह पुरस्कार तत्कालीन राष्टï्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने प्रदान किया था।
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वुड कार्विंग कला राजा महाराजाओं के समय से चली आ रही है
वुड कार्विंग की कला प्राचीन काल से चली आ रही है। इस कला के तहत शीशम आदि की लकड़ी से फर्नीचर से लेकर हाऊस डेकोरेशन तथा गिफ्ट के खूबसूरत आइटम भी तैयार किए जाते हैं। इनमें ज्वैलरी बॉक्स, ड्राई फ्रूट बॉक्स, कैंडल स्टैंड, लैंप स्टैंड, फोटो फ्रेम के अलावा फ्लावर पॉट, बच्चों के खिलौने, रसोई का सामान शामिल हैं। इस स्टॉल पर लकड़ी के शानदार फ्रेम की दीवार घडिय़ां भी लोगों को खूब आकर्षित कर रही हैं। कुछ दीवार घडिय़ों के फ्रेम पर प्राचीन सिक्के भी लगाए गए हैं।