Faridabad NCR
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की शोध परियोजनाओं को 1.10 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान मिला
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 6 मार्च। हरियाणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के तीन संकाय सदस्यों की शोध परियोजनाओं को 1.10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के शोध अनुदान के लिए चुना गया है। हरियाणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग प्रदेश में विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहन के लिए वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं की शोध परियोजनाओं को वित्त पोषित करता है, जिसका उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के ऐसे नवीन अनुसंधान कार्यों को प्रोत्साहित देना है जोकि प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रासंगिकता रखते हो।
कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने संकाय सदस्यों को उनके शोध अनुदान के लिए चयन पर बधाई दी है और कहा है कि अनुदान निश्चित रूप से विश्वविद्यालय में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देगा और प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को तकनीकी समाधान प्रदान करने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि अनुसंधान को बढ़ावा देना विश्वविद्यालय की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से एक है। विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं जिसमें अनुसंधान सलाहकार परिषद का गठन, गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य के लिए नकद पुरस्कार, और युवा शोधकर्ताओं के लिए सीड मनी का प्रावधान जैसी पहल शामिल हैं।
कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने भी चयनित संकाय सदस्यों को बधाई दी है। अनुदान के लिए चयनित संकाय सदस्यों को उनकी अनुसंधान परियोजनाओं के लिए 27 लाख से 46 लाख रुपये तक की अनुदान राशि स्वीकृत हुई है।
जिन संकाय सदस्यों को अनुदान के लिए चुना गया है, उनमें सिविल इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रजनी सग्गू को आवासीय क्षेत्र में जियोथर्मल बोरहोल पर थर्मल रिस्पांस टेस्ट से संबंधित उनकी शोध परियोजना के लिए 46 लाख रुपये, रसायन विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बिंदू मंगला को बायोइंजीनियर नैनोपैटर्नड रिन्यूएबल कैरियर्स से संबंधित शोध परियोजना के लिए 36.74 लाख रुपये तथा भौतिकी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुज कुमार को रासायनिक तकनीक का उपयोग करते हुए पीजोइलेक्ट्रिक सामग्री पर आधारित कम लागत के ऊर्जा संचयन जनरेटर का डिजाइन और निर्माण से संबंधित शोध परियोजना के लिए 27.95 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई है।