Faridabad NCR
डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय में हुआ रंकबन्धु साहित्य अकादमी का लोकापर्ण एवं अलंकरण समारोह आयोजित
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 19 मार्च। रंकबन्धु साहित्य अकादमी का लोकापर्ण एवं अलंकरण समारोह डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय में आयोजित हुआ। इस अवसर पर अकादमी के चेयरमैन आचार्य प्रकाश चन्द्र फुलोरिया की 5 पुस्तकों – ऋषियों की वाणी दोहों में जाणी, दोहा लेखन कला, हिन्दी का शुद्व प्रयोग, मंच संचालन कला तथा फुलोरिया वंश वृक्ष का लोकार्पण हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षाविद तथा डिवाईन पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर एस.एस गोसाई थे तथा समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत प्राचार्य तारादत फुलोरिया ने की। समारोह में शिाविद देव प्रसाद भारद्वाज ग्राम प्रधान कमला फुलोरिया तथा वॉयस आफ फरीदाबाद के समूह सम्पादक सौरभ भारद्वाज का सान्निध्य मिला।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन तथा शिरडी साई बाबा स्कूल के बाल कलाकारों द्वारा सरस्वती वन्दना के साथ किया गया। अकादमी के महासचिव अम्बादत्त भटट् ने अकादमी का संक्षिप्त परिचय दिया।
अकादमी के चेयरमैन तथा पुस्तक के लेखक आचार्य प्रकाश चन्द्र फुलोरिया ने अपनी पंाचों पुस्तकांे का संक्षिप्त परिचय देते हुए आगन्तुर्को का धन्यवाद किया। साहित्यकार डॉ. अन्जु दुआ जैमिनी ने फुलोरिया वंशवृक्ष पुस्तक पर चर्चा करते हुए फुलोरिया वंश वृक्ष को वटवृक्ष की संज्ञा दी।
अकादमी द्वारा वर्ष 2019 से 2022 तक के चार वर्षो के लिए सेवा, शिक्षा और साहित्य में उल्लेखनीय योगदान करने वाले 12 विभूतियों को इस समारोह में अलंकृत किया गया। समारोह में सेवा के क्षेत्र मंे ललित कुमार झाम्ब, वीनू शर्मा, रीना मलिक तथा यशपाल रावत को ’रंकबन्धु सेवा शिरोमणि सम्मान’ से अलंकृत किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. अशोक सिन्हा, ’उदार’, प्रोफेसर चन्द्रभानु आर्य, डॉ. सविता भगत तथा डॉ. मधु पाराशर को ’रंकबन्धु शिक्षा शिरोमणि सम्मान’ से अलंकृत किया गया तथा साहित्य के क्षेत्र में डॉ. घमण्डी लाल अग्रवाल, प्रकाश लखानी , सुदर्शन रत्नाकर तथा पूरन चन्द्र काण्डपाल को ’रंकबन्धु साहित्य शिरामणि सम्मान’ से अलंकृत किया गया।
ग्राम प्रधान कमला फुलोरिया ने अपने सम्बोधन मंे फुलोरिया वंश का प्रधानमंत्री को भेंट करने का सुझाव दिया ताकि वह ’मन की बात’ में इस गॉव का भी जिक्र करें। मुख्य अतिथि एस.एस.गोसाई ने सभी पुस्तकों को छात्रों के लिए उपयोगी बताया। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में तारादत्त फुलोरिया ने कहा ’यह पुस्तक गॉव का स्मृति पुंज है, भविष्य में यह पुस्तक गॉव के लिए अभिलेख का काम करेगी। समारोह को सौरभ भारद्वाज, डॉ. सविता भगत आदि वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुए सभी पुस्तकों को समाजोपयोगी बताया। समारोह में मान्या फुलोरिया का भरत नाट्यम नृत्य तथा कोमल बिष्ट एवं बाल कलाकारों द्वारा दी गई प्रस्तुतियॉ ने दर्शकों से खूब तालियॉ बटोरी।
शहर के अनेक शिक्षाविद साहित्यकार, समाजसेवी विभिन्न वैलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी तथा बडी संख्या मंे पहंुॅचे फुलोरिया बन्धु उपस्थित थे। नवीन फुलोरिया के धन्यवाद के बाद राष्ट्रीय गान के साथ समारोह का समापन हुआ। मंच का सफल संचालन शिक्षाविद सुरेखा जैन ने किया।