Faridabad NCR
डीएवी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद में समग्र शिक्षा पर ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : पंचनाद शोध संस्थान और डीएवी शताब्दी महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में नई शिक्षा नीति में समग्र शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु सामाजिक एवं भावनात्मक अध्ययन की आवश्यकता पर जूम प्लेटफार्म के माध्यम से वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में ससकैचेसन, शिक्षा मंत्रालय, कनाडा से स्टूडेंट सपोर्ट कंसलटेंट श्रीमती सीमा सरोज जी बतौर मुख्य वक्ता सम्मिलित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा उच्च शिक्षा समिति एवं पंचनाद शोध संस्थान के चेयरमैन प्रोफेसर बृज किशोर कुठियाला जी ने की। वेबिनार के शुभारंभ में महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर सविता भगत जी ने मुख्य वक्ता का परिचय कराया और सभी शिक्षकों से यह आग्रह किया कि नई शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सर्वप्रथम शिक्षकों को आत्मानुभूति होनी चाहिए तभी वे अपने छात्रों को सामाजिक एवं भावनात्मक रूप से समझने और उसके अनुकूल शिक्षा प्रदान करने में सफल हो पाएंगे।
वेबीनार की मुख्य वक्ता श्रीमती सीमा सरोज जी ने अत्यंत सरल शब्दों में और शिक्षकों के साथ संवाद पूर्ण शैली में सामाजिक एवं भावनात्मक अध्ययन की महत्ता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को मनुष्यत्व का ज्ञान कराना ही शिक्षा का सर्वोपरि उद्देश्य है। उन्होंने माता पिता, परिवार के अन्य सदस्य, शिक्षक, प्राचार्य, सरकार, सरकारी नीति, शिक्षण संस्थान, प्रशासन प्रणाली इत्यादि को शिक्षा के मुख्य साझेदार बताते हुए इन सभी के मध्य विश्वास एवं सहयोग की भावना विकसित करने को वर्तमान समय में सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया क्योंकि इन सभी सदस्यों की संयुक्त साझेदारी से ही छात्रों के समग्र विकास के उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है।
मिस सरोज जी ने समानुभूति+ दया + विश्वास को अपनाते हुए छात्रों को जीवन जीने की कला सिखाने को सामाजिक एवं भावनात्मक अध्ययन का प्रमुख उद्देश्य बताया है। मुख्य वक्ता ने सभी शिक्षकों से यह अनुरोध किया कि वे सभी अपनी कक्षा में छात्रों को भावनात्मक रूप से विकसित करके उन्हें समाज में योगदान देने योग्य बनाएं तभी सभी छात्रों का व्यक्तिगत विकास होगा और साथ ही सोशल इमोशनल लर्निंग का प्रभाव आजीवन उनके ऊपर बना रहेगा।
वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे हरियाणा उच्च शिक्षा समिति के चेयरमैन प्रोफ़ेसर बृजकिशोर कुठियाला जी ने मुख्य वक्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो न केवल व्यक्ति के शरीर और मन को ही पवित्र करें बल्कि उसकी आत्मा को भी शुद्ध करें। उन्होंने प्रत्येक विद्यालय और महाविद्यालय में आत्मानुभूति, अध्यात्मिक एवं भावनात्मक अध्ययन को शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की सलाह दी। उनका यह मानना था कि योग एवं ध्यान करने से व्यक्ति को आत्मानुभूति प्राप्त होती है। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 को शिक्षक केंद्रित न होकर छात्र केंद्रित और अध्ययन केंद्रित बताते हुए यह कहा कि सही अर्थों में शिक्षा वही होती है जो नर को नारायण बनने में सहयोग करती है।
वेबीनार के समापन पर डीएवी प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष श्री डी वी सेठी जी ने मुख्य वक्ता और अध्यक्ष महोदय एवं महाविद्यालय की प्राचार्या तीनों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सद्शिक्षा सही अर्थ में मनुष्य को अहंकार से मुक्त कर एक अच्छा इंसान बनाती है। उन्होंने समग्र शिक्षा के विकास हेतु सामाजिक एवं भावनात्मक अध्ययन की आवश्यकता को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
इस वेबीनार में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों से एवं अन्य जिलों से भी अनेक शिक्षकों ने भाग लिया और मुख्य वक्ता के साथ संवाद करते हुए चर्चा में उत्साह के साथ भाग लिया। इस वेबीनार के समन्वयक जेसी बोस यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर आशुतोष निगम जी और डॉक्टर सुभाष गोयल जी रहे जिन्होंने अंत में धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। जूम प्लेटफार्म पर इस वेबीनार के आयोजन में तकनीकी पक्ष से असिस्टेंट प्रोफेसर प्रमोद कुमार, डॉ अमित शर्मा, डॉ रश्मि रतूड़ी और डॉ प्रिया कपूर का विशेष योगदान रहा।