Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : एनएसयूआई फ़रीदाबाद के कार्यकर्ताओं ने एनएसयूआई हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री के नेतृत्व में कॉलेज में नए कोर्स आने पर खुशी जाहिर करते हुए सरस्वती माता की मूर्ति पर माल्यार्पण किया व कॉलेज के प्राचार्य श्री महेंद्र कुमार गुप्ता का मुँह मीठा कराया तथा छात्रों को लड्डू खिलाये। इस दौरान प्रोफेसर राजेंद्र सिंह, प्रोफेसर अंकित कौशिक, प्रोफेसर देवेंद्र, प्रोफेसर हरवंश मुख्य रूप से मौजूद थे।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि एनएसयूआई फ़रीदाबाद का 2 सालो का संघर्ष रंग लाया हैं जिसके चलते हुए कॉलेज में 6 नए कोर्स आये हैं। कृष्ण अत्री ने बताया कि नए कोर्स में बीए जियोग्राफी ऑनर्स, बीए हिंदी ऑनर्स, एमए जियोग्राफी, एमएससी फिजिक्स, एमसीए तथा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्पलीकेशन शामिल हैं। उन्होंने बताया एनएसयूआई ने कुल 6 कोर्स की मांग की थी जिनमें से 4 कोर्स को मंजूरी मिली हैं तथा बाकी 2 कोर्स की मांग कॉलेज प्रशासन द्वारा की गई थी। कृष्ण अत्री ने बताया कि इन कोर्स को कॉलेज में लाने के लिए एनएसयूआई कार्यकर्ताओ ने काफी प्रयास किये। उन्होंने बताया कि इस मांग को लेकर 30 जनवरी 2021 को नेहरू कॉलेज के प्राचार्य श्री महेंद्र गुप्ता को उच्चतर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर श्री अजित बालाजी जोशी के नाम ज्ञापन सौंपा था और इसके बाद 10 फरवरी 2021 को नेहरू कॉलेज के गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाया था जिसमें 2500-3000 छात्रों ने हस्ताक्षर करके सहमति दर्ज करवाई थीं तथा 13 फरवरी 2021 को नेहरू कॉलेज में पहुँचे विधायक राजेश नागर को ज्ञापन सौंपा था। इसी संघर्ष के ही चलते सत्र 2022-2023 में बीए जियोग्राफी कोर्स शुरू हुआ था और अब सत्र 2023-2024 की शुरुआत में ही 5 नए कोर्स और शुरू हो रहे है।
कृष्ण अत्री ने बताया कि एनएसयूआई एकमात्र ऐसा संगठन हैं जो हमेशा छात्रों की मांगों को प्रमुखता के साथ उठाता है और उन्हें पूरा भी करवा कर देता है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में भी कई प्रमुख मांगो को उठाया जाएगा और उन्हें पूरा करवाया जाएगा।
इस दौरान युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष आकाश पंडित, एडवोकेट शशांक जैन, आरिफ खान, पुनीत सहरावत, सोनू सिंह, मनीष चौधरी, सुमित तंवर, निपुण गौड़, गैरी तंवर, लक्ष्य ठाकुर, सचिन त्यागी, लावनीष, हर्ष चौधरी, अभिषेक, रिंकेश, अनुज सोरौत आदि छात्र मौजूद थे।