Faridabad NCR
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद में हरियाणा राज्य की पहली एलवीएडी सर्जरी हुई, जिसे हार्ट फेलियर के अंतिम चरण परपहुंच चुके मरीज की जान बचाने के लिए की गई
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 13 जुलाई। हरियाणा राज्य में पहली बार, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद ने हार्ट फेलियर के अंतिम चरण में पहुंच चुके 58 वर्षीय मरीज की जान बचाने के लिए पहली एलवीएडी सर्जरी की है। एलवीएडी एक बैटरी से संचालित, यांत्रिक पंप है, जिसे मरीज के हृदय में सर्जरी द्वारा प्रत्यारोपित किया गया। यह उपकरण कमजोर हृदय के पंपिंग कार्य को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और उन लोगों लिए बहुत कारगर है जिनमें हृदय प्रत्यारोपण संभव नहीं है। सर्जरी में डॉ. कुमुद धीताल, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के निदेशक, हार्ट लंग ट्रांसप्लांटेशन, मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट प्रोग्राम्स, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद और उनकी प्रक्रियात्मक टीम जिसमें डॉ. आदित्य सिंह, असिस्टेंट सर्जन, डॉ. प्रदीप कुमार (एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के निदेशक), और श्री प्रवीण दास (चीफ परफ्यूजनिस्ट) शामिल थे, द्वारा की गई। विस्तारित टीम में इंटेंसिविस्ट, आईसीयू नर्सें, फिजियोथेरेपिस्ट, परफ्यूजनिस्ट और अन्य संबद्ध स्वास्थ्य सहायता कर्मचारी थे। सर्जरी की योजना बनाई गई और 28 जून को इसे किया गया। और हरियाणा राज्य में अपनी तरह की पहली सर्जरी द्वारा मरीज को हार्ट मेट III लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (एलवीएडी) का अप्रत्याशित प्रत्यारोपण किया गया।
58 वर्षीय मरीज सिराज (नाम परिवर्तित) कोरोनरी धमनी रोग के अतिरिक्त उन्नत इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी के लक्षणों के साथ आए थे। पहले उनकी मुख्य हृदय धमनी में स्टेंटिंग के साथ परक्यूटेनियस कार्डियोलॉजिकल प्रक्रिया की गई थी। सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा उपचार के बावजूद, उनके हृदय की स्थिति खराब हो गई और उनके पास दो ही विकल्प बचे थे; हृदय प्रत्यारोपण या टिकाऊ यांत्रिक परिसंचरण सपोर्ट। हृदय प्रत्यारोपण को लेकर कई चुनौतियां थीं, इसके अलावा, एक अंतर्राष्ट्रीय मरीज होने के कारण उन्हें प्रत्यारोपण सूची में अपनी बारी आने तक काफी लंबा इंतजार करना पड़ता। इससे अन्य अंगों की कार्यप्रणाली पर अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता, किडनी की कार्यप्रणाली खराब हो जाती और उनके फेफड़ों की धमनियों पर दबाव बढ़ जाता। इससे हृदय प्रत्यारोपण के उम्मीदवार के रूप में उनकी संभावनाएं लगभग खत्म हो चुकी थीं।
डॉ. कुमुद धीताल, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के निदेशक, हार्ट लंग ट्रांसप्लांटेशन, मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट प्रोग्राम्स, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फ़रीदाबाद कहते हैं, “थर्ड जनरेशन मैग्नेटिकली लेविएटेड, कंटीन्यूअस फ्लो हार्टमेट III एलएवीडी , अब ब्रिज-टू-ट्रांसप्लांटेशन और लाइफ लांग डेस्टिनेशन थेरेपी दोनों के लिए उच्चतम मानक वाला उपकरण है। डिवाइस में एक पंप होता है जिसे हृदय में सिल दिया जाता है ताकि यह काम नहीं कर रहे मुख्य पंपिंग कक्ष, बाएं वेंट्रिकल से रक्त खींच सके, और रक्त को सीधे महाधमनी में पंप कर सके। एक विद्युत ड्राइवलाइन पेट की दीवार से बाहर निकलती है जिसे फिर एक पोर्टेबल नियंत्रक और बैटरी पैक से जोड़ा जाता है।”
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक और समूह सीईओ डॉ. राजीव सिंघल कहते हैं, “ हमें फरीदाबाद के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में पहली एलएवीडी सर्जरी करके बहुत खुशी हो रही है। एलवीएडी एक क्रांतिकारी उपकरण है जो हृदय संबंधी उपचार और मरीजों की देखभाल में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो नई आशा और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करता है। हमें चिकित्सा नवाचार के विस्तार में सबसे आगे होने पर गर्व है क्योंकि हम अपने अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के माध्यम से उपचार के परिणामों में सुधार लाने और मरीजों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
मरीज़ की रिकवरी बहुत अच्छी है, वह ट्रेडमिल पर 20 मिनट बिता रहे हैं, यह एक्सरसाइज करने की एक अच्छी अवधि है जो वह काफी लंबा समय तक करने में सक्षम नहीं थे। 12 जुलाई 2023 को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उन्हें सख्त/कड़े फॉलो-अप की सलाह दी गई है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह और उनका परिवार अपने देश वापस जाने से पहले डिवाइस की कार्यप्रणाली के प्रबंधन और देखभाल को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हों।