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Faridabad NCR

वैज्ञानिक डॉ. शांति स्वरूप भटनागर की जयंती के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 8 अगस्त। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के संस्थापक निदेशक तथा सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. शांति स्वरूप भटनागर की जयंती के उपलक्ष में जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. एस.एस. भटनागर यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से प्रोफेसर गौरव वर्मा मुख्य वक्ता रहे। सत्र की अध्यक्षता जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने की।
कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भारती (विभा) हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विभा हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. जवाहर लाल के स्वागत संबोधन से हुई, जिन्होंने कार्यक्रम का परिचय दिया तथा डॉ. शांति स्वरूप भटनागर की जयंती के उपलक्ष्य में 12 अगस्त 2023 को एनआईटी कुरुक्षेत्र में होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
अपने संबोधन में मुख्य वक्ता प्रोफेसर गौरव वर्मा ने डॉ. शांति स्वरूप भटनागर के जीवन और कार्यों पर चर्चा की। उन्होंने डॉ. भटनागर के दूरदर्शी नेतृत्व पर प्रकाश डाला, जिन्होंने सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के माध्यम से भारत में विज्ञान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इससे पहले, प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने अपने संबोधन में डॉ. शांति स्वरूप भटनागर के अमूल्य योगदान, दृष्टिकोण और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने डॉ. भटनागर की विरासत को संरक्षित करने और वर्तमान पीढ़ी को उनके आदर्शों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करने के महत्व पर बल दिया। प्रो. तोमर ने भारतीय विज्ञान की गहराई और भारतीय वैज्ञानिकों की बुद्धिमत्ता को रेखांकित किया तथा विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने के महत्व पर बल देते हुए वैज्ञानिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का समापन करते हुए, विभा हरियाणा के सदस्य प्रो. सैथंस ने समापन भाषण दिया और प्रोफेसर गौरव वर्मा को उनके ज्ञानवर्धक मुख्य भाषण के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बिंदु मंगला, डॉ. अरुण कुमार तथा विज्ञान भारती फरीदाबाद की टीम ने किया। कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित और विज्ञान भारती, नई दिल्ली द्वारा समर्थित था। इस सत्र में काफी संख्या में संकाय सदस्यों, शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

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