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Faridabad NCR

विभाजन के दर्द ने हमें अन्दरूनी रूप से मजबूती प्रदान की : सीमा त्रिखा

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 12 अगस्त। बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में विभाजन विभिषिका कार्यक्रम का आयोजन एनआईटी स्थित गोल्फ क्लब के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 14 अगस्त, 1947 को भारत के लिए रवाना हुई ट्रेन में शामिल लोगों को मंच पर बिठाया गया, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में हुए कत्लेआम का भयावह दृश्य अपनी आंखों से देखा और अपने लोगों की हुई दर्दनाक मौत को सहा। इसमें चुन्नीलाल भाटिया, स. सुरेन्द्र सिंह, पार्वती भाटिया आदि शामिल थे। इसमें स. सुरेन्द्र सिंह को उस समय 5 वर्ष की उम्र में 5 गोलियां लगी थी और उनका अंगूठा उस त्रासदी में कट गया था। कार्यक्रम का संचालन मोहन सिंह भाटिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने आजादी के इतिहास से अवगत कराया। इस मौके पर बडख़ल की विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा ने विभाजन की विभिषिका के दर्द को साझा करते हुए कहा कि एक बार तो हम कट-फट गए हैं, लेकिन दोबारा हमें कोई काट और बांट न पाए। यह भावना हमारे सर्व समाज में रहने चाहिए। जब हमारे बुजुर्ग वहां से आए तो जो मंजर वो बताते हैं कि बेटियों-बहनों की अस्मिता बचाने के चक्कर में जब वह उनकी इज्जत नहीं बचा पाए, तो उन्होंने स्वयं अपनी बहन-बेटियों का कत्ल कर दिया। उस समय हालात ऐसे थे कि उनकी इज्जत बचाना मुश्किल था। सीमा त्रिखा ने कहा कि हमारे बुजुर्गों के अदम्य साहस एवं सहिष्णुता की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। जब वो वहां से आए, फकीरों की तरह खाली हाथ आए, मगर आज उन्होंने अपने पसीने की मेहतन से अपना पराक्रम साबित कर दिया। आज फरीदाबाद शहर की पहचान में इनके पुरुषार्थ का बहुत बड़ा योगदान है। आज हर क्षेत्र में ये पुरुषार्थी झंडा फहरा रहे हैं। ये पुरुषार्थी वही लोग हैं, जिन्होंने लंगर बांटना दुनिया को सिखाया, इन्हीं पुरुषार्थियोंं ने कोरोना काल में जितनी सेवा की, उसका कोई मुकाबला नहीं किया जा सकता। सीमा त्रिखा ने कहा कि इनके जो संस्कार हैं, उसमें केवल यही सिखाया गया है कि सिमरन करें और सुख-दुख में मिल-बांटकर अपना भाईचारा मजबूत करें। अपने संस्कारों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम ये लोग कर रहे हैं। जिस देश के लोग अपने इतिहास को अगली पीढ़ी तक नहीं पहुंचा पाते, वह देश गुमनामियों की तरफ बढ़ जाता है। इसके अलावा जिस देश के लोग अपने इतिहास को अपनी आने वाली पीढ़ी को बार-बार सुनाते रहते हैं, वह देश सदैव आगे की ओर अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष बाद कोई ऐसा प्रधानमंत्री आया जिसने विभाजन की विभिषिका को, विभाजन के दर्द को, विभाजन के आंसुओं को न केवल याद करने के लिए कहा, बल्कि उससे सीख लेने की बात कही। इस अवसर पर श्रीमती सीमा त्रिखा ने आए हुए सभी अतिथियों का दिल की गहराईयों से धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने भी शिरकत की और विभाजन की विभिषिका का दर्द अपने शब्दों में बयां किया।

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