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Faridabad NCR

इलेक्ट्रॉनिक ईंधन इंजेक्शन प्रणाली पर एक दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला का आयोजन

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 24 अगस्त। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय में स्थित रॉयल एनफील्ड ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित की गई।
कार्यशाला को विश्वविद्यालय के एमटेक विद्यार्थियों को गहन व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था ताकि उन्हें ऑटोमोटिव उद्योग के नवीनतम रुझानों को समझने में मदद मिल सके। कार्यशाला में व्यावहारिक अनुभव के माध्यम से प्रतिभागियों को आधुनिक वाहन प्रौद्योगिकी के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक ईंधन इंजेक्शन सिस्टम की जटिलताओं को समझने का अवसर दिया गया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र और क्रेडमिंट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक श्री राहुल नागर उपस्थित थे। सत्र में डीन (इंस्टीट्यूशन) प्रो. संदीप ग्रोवर और डीन (एफईटी) प्रो. राजकुमार की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण रही।
अपने प्रारंभिक भाषण में, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. अरविंद गुप्ता ने अतिथि तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने व्यावहारिक रूप से सीखने के अनुभवों पर बल देते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित किया। सत्र को संबोधित करते हुए श्री राहुल नागर ने प्रतिभागियों को रूचि के अनुरूप कौशल विकास पर चर्चा की तथा आधुनिक परिदृश्य में कौशल विकास को महत्वपूर्ण बताया।
प्रो. संदीप ग्रोवर ने ऑटोमोटिव क्षेत्र में हालिया प्रगति पर प्रकाश डाला तथा उद्योग की मांगों के अनुकूल शैक्षिक पाठ्यक्रम की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने तेजी से विकसित हो रहे रोजगार बाजार में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए पाठ्यक्रम को नियमित रूप से अपडेट करने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रो. राजकुमार ने विद्यार्थियों को आॅटोमेटिव उद्योग में नवीनतम प्रगति से अवगत रखने में कार्यशाला के महत्व को रेखांकित किया। कार्यशाला समन्वयक डॉ. भूपेन्द्र यादव ने इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ इलेक्ट्रॉनिक ईंधन इंजेक्शन प्रणाली की बारीकियों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के समन्वयन में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. भास्कर नागर, डॉ. राजेश अत्री और सुरेंद्र सिंह ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया तथा प्रतिभागियों को उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जानकारी प्रदान की। कार्यशाला के समापन पर विद्यार्थियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।

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