Faridabad NCR
आध्यात्मिक कार्यक्रम एवं सत्संग में आना मेरा सौभाग्य : विजय प्रताप
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 7 सितम्बर। कांग्रेसी नेता एवं बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे विजय प्रताप सिंह जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर दयालबाग में आयोजित बाबा खाटू श्याम जी के जागरण में पहुंचे और बाबा के चरणों में सादर प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने सुंदर कार्यक्रम के आयोजन के लिए दयालबाग पूजा कमेटी को बहुत-बहुत बधाई दी और कहा कि ऐसी किसी आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में या सत्संग में जाने का मौका मिलता है, तो इसमें मेरा सौभाग्य है। उन्होंने सभी भक्तजनों को बृज के लाला के प्रकटोदिवस की बधाई दी और शहर के लोगों की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि सभी लोगों पर विशेष कृपा बनी रहे। उन्होंने कहा कि महान कवि तुलसीदास जी ने कहा कि है बिन सत्संग विवेक न होय अर्थात बिना सत्संग के विवेक जागृत नहीं होगा और जब विवेक जागृत नहीं होगा, तो बुद्धि वश में नहीं रहेगी। जब बुद्धि वश में रहेगी तो मन वश में रहेगा और जब मन वश में रहेगा तो व्यक्ति विकारों से बच सकता है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में वर्णित है कि बड़े-बड़े महापुरुष माया के वशीभूत होकर काम, क्रोध, लोभ के विकारों में फस गए। इसका एक ही उपाय है सत्संग का लाभ लें। सत्संग को जीवन में अमल लाने से व्यक्ति तमाम प्रकार के विकारों से बच जाता है। विजय प्रताप ने कहा कि कबीरदास जी ने सतपुरुषों की जो गति बताई है उसमें कहा गया है आत्मज्ञान बिना जग सूना, क्या मथुरा क्या काशी। मतलब हम जो तीर्थ पर जाते हैं, सब व्यर्थ हैं, अगर हमें आत्मज्ञान नहीं है तो। अगर हम तीर्थ यात्रा पर अंधविश्वास में जाते हैं, तो कुछ भी नहीं है और अगर श्रद्धा में जाते हैं तो अमल होना चाहिए। जीवन में सत्संग को अमल में लाना बहुत जरूरी है। विजय प्रताप ने माता पिता का दर्जा सबसे बड़ा बताते हुए कहा कि स्वयं भगवान ने भी कहा है कि सबसे पहले माता-पिता का दर्जा है। आप कितने ही तीथ कर लो, कितनी ही भगवान की भक्ति कर लो आपको उसका पुण्य नहीं मिलेगा, जब तक आपके घर में बैठे माता-पिता की आप सेवा नहीं करेंगे। इस मौके पर विजय प्रताप ने आयोजन कमेटी को 21 हजार रुपए की सहयोग राशि भी प्रदान की। उनके साथ मुख्य रूप से पार्षद जितेन्द्र भडाना, दयालबाग पूजा समिति के पदाधिकारीगण, अजय सिंह, त्रिपुरारी सिंह, संतोष शर्मा, दयाल मीना, ईश्वर शर्मा, हरीश भाटी, हर्ष भड़ाना, रोहित सिंह, नरेन्द्र भड़ाना, विनोद नेगी, छत्रपाल बसोया, मनोहर मिश्रा, गिरीश धसमाना, पी के श्रीवास्तव, विक्रम सिंह राठौर, संदीप, सतेन्द्र सिंह, ललित मोहन शर्मा, दीपक, विधि सिंह एवं राना मोहित आदि मौजूद रहे।