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शिकागो भाषण में दिये सूत्रों से पूरी होगी एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की संकल्पना: विजय

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 11 सितम्बर। जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के फैकल्टी ऑफ़ लिबरल आर्ट्स एंड मीडिया स्टडीज  द्वारा पत्रकारिता एवं जनसंचार, विज़ुअल कम्युनिकेशन एंड मल्टीमीडिया एवं सोशल वर्क के विद्यार्थियों के लिए इंडक्शन प्रोग्राम में मानवीय मूल्यों पर विशेष चर्चा सत्र आयोजित हुआ। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने बताया कि इंडक्शन प्रोग्राम में मुख्यवक्ता के रूप में अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार ने ”मानवीय मूल्यों पर विशेष चर्चा” सत्र में छात्रों से संवाद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विजय कुमार ने कहा कि आज शिकागो भाषण के दिन मानवीय मूल्यों पर चर्चा करना और भी सारगर्भित है क्योंकि आज के ही दिन विश्व धर्म संसद  1893 में अपनी मेधा और चरित्र से वैश्विक पटल भारत की विशेष छवि उकेरने वाले युवा संन्यासी  स्वामी विवेकानंद ने अपने भारत के विचार विश्व के समक्ष रखे।स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि भारत ही वह देश है जो जीवन के नैतिक मूल्यों के साथ अब तक पर्वत से भी अधिक दृढ़ भाव से खड़ा है। स्वामी विवेकानंद जी ने युवा वर्ग को चरित्र निर्माण के 5 सूत्र दिए थे। इनमें आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्मज्ञान, आत्मसंयम और आत्मत्याग शामिल हैं। युवा इन सूत्रों का पालन कर देश और समाज का पुनर्निर्माण कर सकता है।
कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म, वैश्विक मूल्यों, धर्म, चरित्र निर्माण शिक्षा एवं समाज को बहुत विस्तृत एवं गहरे आयामों से विश्लेषित किया है। शिक्षा मनुष्य में पहले से मौजूद पूर्णता की अभिव्यक्ति है। शिक्षा वह जानकारी की मात्रा नहीं है जो आपके मस्तिष्क में डाल दी जाती है और जीवन भर बिना पचे ही हंगामा करती रहती है। हमें जीवन-निर्माण, मनुष्य-निर्माण, चरित्र-निर्माण की जीवन शैली को आत्मसात करना चाहिए। जो शिक्षा आम जनता की मदद नहीं करती और जो चरित्र की ताकत और शेर का साहस नहीं लाती, वह शिक्षा कहलाने के लायक नहीं है। जे. सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय चारित्रिक शिक्षा के माध्यम से सर्वांगीण विकास पर विशेष बल देता है।
इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन छात्र कल्याण निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। इस अवसर पर फैकल्टी ऑफ़ लिबरल आर्ट्स एंड मीडिया स्टडीज़ की डीन प्रो. पूनम सिंघल तथा संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग के शिक्षक और प्रशिक्षक उपस्थित रहे।

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