Faridabad NCR
महर्षि दयानंद के 200 वीं जयंती के अवसर पर यज्ञ समारोह में भाग लेने गांव मंझावली पहुंचे युवा नेता अमन गोयल
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : आपको बतादें की फरीदाबाद के गांव मंझावली में बने गुरुकुल में आज विशाल यज्ञ का आयोजन महर्षि दयानन्द के 200 वें जयंती महोत्सव पर किया गया जिसका उद्देश्य आर्य समाज के सिद्धांतो कों जन -जन तक पहुँचाना है। यह यात्रा यज्ञ करते हुए फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल व मेवात जिलों के लगभग 200 से अधिक गाँवो में जाकर महर्षि दयानन्द के जीवन और उनके दिखाए आदर्श मार्ग पर चलने की नीतियो का प्रचार प्रसार करेगी, जिसमें सभी आर्य समाज की इकाईयाँ, गुरुकुल और संगठन भाग लेकर जगह जगह गाँवो में यात्रा का स्वागत भी करेंगे।
इस यात्रा की शुरुआत करने बतौर मुख्यातिथि पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल कों पहुंचना था लेकिन उनकी अनुपस्थिति में युवा नेता अमन गोयल ने कार्यक्रम में शिरकत की और ध्वजारोहण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इससे पहले कार्यक्रम के संयोजक आचार्य देवराज व समिति के लोगों द्वारा युवा भाजपा नेता अमन गोयल का पगड़ी बांधकर मान सम्मान किया और कार्यक्रम में आने पर आभार जताया।
इस मोके पर पहुँचे युवा नेता अमन गोयल ने सभी कों इस नेक काम के लिए शुभकामनायें दी और यात्रा जिस उद्देश्य के लिए शुरू की गयी है वह उसमे जरूर कामयाब हों प्रभु चरणों में ऐसी कामना की। इस मोके पर युवा नेता अमन गोयल ने कार्यक्रम में आये स्वामी प्रणवानंद महाराज के चरणों में नमन वंदन कर आशीर्वाद भी लिया।
युवा नेता अमन गोयल ने इस अवसर पर कहा की आर्य समाज की स्थापना से लेकर अब तक हमारे महान आर्य नेताओं, कार्यकर्ताओं, विद्वानों और संन्यासियों का त्याग, बलिदान, संघर्ष के साथ साथ समर्पण और समाज सेवा का गौरवशाली स्वर्णिम इतिहास रहा है इसलिए हम सब मिलकर प्रण लें की आर्य समाज का जो संदेश और उद्देश्य लेकर जो ये यात्रा शुरू हुई है उसको पूरा करने के लिए हम सब इसका संदेश आगे पहुंचाएं और आर्य समाज द्वारा चलायी गई इस मुहिम में तन- मन और धन से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि भारत का भविष्य सुरक्षित और मजबूत हों सके।
इस मोके पर हरीशचंद शास्त्री संयोजक, रघुवीर शास्त्री महा सचिव, सुनील शास्त्री सचिव, चंद्रभान भूटानी कोषाध्यक्ष, संजय आर्य संयोजक फ़रीदाबाद शहर, आचार्य जय कुमार संयोजक फ़रीदाबाद ग्रामीण, डॉक्टर आनंद कुमार रिटायर्ड आईपीएस, कन्हैया लाल आर्य, स्वामी नित्यानंद, स्वामी विजयावेश व अन्य सैकड़ो लोग मौजूद थे।