Faridabad NCR
हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए बुजुर्गों की मेला संस्कृति की पहचान को दौबारा जिंदा करना होगा: कंवर पाल गुर्जर
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 3 नवंबर। प्रदेश के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि आज हमारे पास पैसा है, बड़ा मकान है लेकिन खुशी नहीं है। ऐसे में हमें अपने हैपीनेस इंडेक्स को बढ़ाने के लिए मेला संस्कृति को पुन: जिंदा करना होगा। बुजुर्गों की बनाई मेला संस्कृति की परंपरा को सरकारी तौर पर भी प्रोत्साहन देना होगा। लोगों को कुछ समय के लिए खुशी और सुकुन देने के लिए ही मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सूरजकुंड मेला परिसर में दीवाली उत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया है। श्री कंवरपाल गुर्जर शुक्रवार को सूरजकुंड मेला परिसर में प्रथम दीवाली उत्सव के उद्घाटन अवसर पर उसस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारी बुजुर्गों ने गांव-गांव में मेले शुरू किए। इन मेलों में हजारों लाखों लोग जुटते हैं। यह सामाजिक एकता का परिचायक भी हैं। सूरजकुंड मेला भी पिछले 36 सालों से देश व विदेश में हमारी पहचान बना हुआ है। इस मेले में लाखों लोग अपना समय निकालकर अपने परिवार के साथ कुछ वक्त बीताते हैं। इससे कलाकारो और शिल्पकारों को रोजगार मिलता है और लोगों को खुशी। लोगों की इसी खुशी को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस परिसर में दीवाली उत्सव भी शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस परिसर का और भी ज्यादा प्रयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि आम लोगों की मांग पर आज हम प्रथम दीवाली उत्सव का शुभारंभ करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेले का बहुत अच्छा रिसपांस मिल रहा है और भविष्य में इसे और ज्यादा विस्तृत किया जाएगा। इस अवसर पर बडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा, फरीदाबाद से विधायक नरेंद्र गुप्ता, तिगांव से विधायक राजेश नागर, पृथला से विधायक नयनपाल रावत,मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली, पर्यटन विभाग के एमडी नीरज कुमार, जीएम यूएस भारद्वाज सहित कई गणमान्य व्यक्ति उसस्थित थे।
रिबन काटकर किया उत्सव का उद्घाटन, कलाकारों ने जमाए रंग
पहले दीवाली उत्सव का शुभारंभ पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने रिबन काटकर किया। इसके बाद वह सीता कुटी में गए और माता सीता से आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात हरियाणवी शान का प्रतीक पगड़ी बांधकर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद रामयण से जुड़े कलाकारों व हरियाणा के अलग-अलग जिलों से आए कलाकारों ने प्रस्तुती से कार्यक्रम का समां बांधा।