Faridabad NCR
‘विकसित भारत-2047 युवाओं की आवाज’ कार्यक्रम में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की सक्रिय भागीदारी
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 11 दिसंबर। स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल विकसित भारत-2047 को लेकर देश के युवाओं को उनके कर्तव्यों का बोध करवाने के उद्देश्य से आयोजित ‘विकसित भारत-2047ः युवाओं की आवाज’ कार्यक्रम में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद की सक्रिय भागदारी रहीं कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर के शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों और संकाय सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया गया संबोधन रहा।
विश्वविद्यालय के सभागार में छात्र कल्याण कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री के संबोधन की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया, जिसमें कई छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों की भागीदारी उत्साहपूर्ण रही। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में छात्रों और युवाओं की ऊर्जा को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगाने के महत्व पर बल दिया तथा सभी को अपनी क्षमताओं से बढ़कर इसमें योगदान देने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं के साथ अधिकतम जुड़ाव बनाए रखने और विकसित भारत के निर्माण के लिए नीतिगत निर्णयों में युवाओं की आवाज को शामिल करने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
अभियान में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा हैशटैग ‘आइडिया4विकसितभारत’ और हैशटैग ‘जेसीबीओएसयूएसटी’ के साथ एक सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया गया तथा विद्यार्थियों को हैशटैग का उपयोग करके सोशल मीडिया पर अपने अनुभव और विचार साझा करने और अभियान की बैनर सेल्फी के साथ अपने फोटो अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि अभियान को लेकर जागरूकता लाई जा सके।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय विकसित भारत उत्सव का आयोजन करेगा, जिसमें अभियान पर जानकारीपूर्ण व्याख्यान होंगे। छात्र जुड़ाव को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए विश्वविद्यालय पुस्तकालय में विकसित भारत विचार केंद्र स्थापित किया गया है, जहां छात्र अपने आइडिया और अभियान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत कर सकते है।
विश्वविद्यालय में विकसित भारत-2047 अभियान के तहत सभी गतिविधियाँ डीन छात्र कल्याण प्रोफेसर मुनीश वशिष्ठ की देखरेख में और प्रोफेसर सोनिया बंसल द्वारा समन्वयित की जा रही हैं।