Faridabad NCR
लडकी बनकर इंस्टाग्राम पर युवक से की दोस्ती, फिर इंस्टाग्राम वाली लड़की के मर्डर का आरोप लगाकर, युवक से की 313000/-रु की ठगी, आरोपी को साइबर थाना एनआईटी की टीम ने किया गिरफ्तार
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 15 दिसम्बर, पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के द्वारा साइबर व धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले आरोपियो के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई कर गिरफ्तारी के दिए गए आदेश के तहत कार्रवाई करते हुए एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत के मार्गदर्शन में साइबर थाना एनआईटी प्रभारी नवीन कुमार के नेतृत्व में पीएसआई अर्जुन सिंह, एएसआई भूपेन्द्र, मुख्य सिपाही नरवीर सिंह, सिपाही संजय गौतम,युद्वबीर सिंह, महिला सिपाही प्रिती द्वारा सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर लडकी की आईडी बनाकर साइबर ठगी करने वाले आरोपी को सुरजपुर, गौतमबुध्द नगर उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आऱोपी दिलशाद हुसैन उर्फ दिल्लू उर्फ कादर बिहार गोपाल गंज जिले के गांव कपुरचिक का रहने वाला है तथा वर्तमान में गांव सुरजपुर गौतमबुद्धनगर में रह रहा है।
आरोपी इस तरह के मामले में नेट या व्हाट्सएप कॉलिंग कर ब्लैकमेल करते है। ऐशे आरोपी पुलिस अधिकारी/कस्टम अधिकारी व अन्य जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर तथा बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन या अन्य किसी ऑफिस का क्रिएट कर ठगी की वारदात को अंजाम देते है।
सितंबर मे इंस्टाग्राम पर शिकायतकर्ता कमल के पास अंजली नाम की लड़की की फ्रैंड रिक्वट आई। जिसपर कमल की लड़की बनी आरोपी से चैट होने लगी। करीब 5-7 दिन चैट होने पर आरोपी ने शिकार युवक से मिलने की बात कही और बताया कि वह हॉस्टल में रहती है। आरोपी ने फोन नम्बर मांगा और 21 सितम्बर को मिलने के लिए युवक कमल को बदरपुर बॉर्डर पर बुलाया। लड़की बना आरोपी, कमल से काफी इंतजार करने के बाद भी नही मिली तब कमल ने फोन कर बात की तो लडकी ने कहा की वह वापिस चली गई है आज नही मिल सकती। पिड़ित कमल भी वापस अपने घर चला गया । उसी दिन शाम को कमल के पास आरोपी को फोन आया कि वह अंजली के हॉस्टल इंचार्ज बोल रहा है। अंजली हॉस्टल से भाग गई है। और वह तुमसे मिलने गई थी उसका मर्डर हो गया है और मर्डर तूने किया है। मर्डर वाली बात किसी को नही बताने के लिए उसने 20000/-रु मांगे, पिडित कमल ने डरकर पेटीएम के माध्यम से 15000/-रु आरोपी ट्रांसफर कर दिए। फिर 22 सितम्बर को आरोपी ने डीएसपी राहुल बनकर बात की और कहा कि अंजली का मर्डर तूने किया है। तुझे घर से उठा लेंगे और तुझे फांसी हो जायेगी। अगर बचना चहाता है तो 1,00,000/- रु दे तुझे कुछ नही होने दुगां। जिसके बाद कमल डर गया और इंस्टाग्राम आईडी को बदल दिया। फिर भी एक फोन से धमकी भरे फोन आते रहे और जान से मारने की धमकी भी आने लगी और एक एचडीएफसी बैंक का खाता नम्बर भेजा और पैसे मांगने लगे। डर के कारण कमल ने अलग अलग ट्रांजैक्शन कर पैसे भेजे। फिर भी आरोपी के धमकी भरे फोन आते रहे तो पीडित कमल ने भाई के खाते से भी ट्रांजैक्शन कर पैसे भेजे। साइबर ठगी का एहसास होने पर पीडित कमल ने थाना साइबर एनआईटी में शिकायत दी जिसपर साइबर फ्रॉड की धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई आरोपी के खिलाफ साक्ष्य से जुटाए गए जांच के बाद आरोपी को गांव सुरजपुर गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार किया, आरोपी 12th पास है। आरोपी को पूछताछ के लिए 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था। आरोपी से पुलिस रिमांड के दौरान 2 मोबाइल,3 सिम, एचडीएफसी डेबिट कार्ड, 105000/-रु नगद बरामद किए गए हैं। आरोपी को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर जेल भेजा गया।
इंस्टाग्राम पर फेक आईडी बनाना, नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करना, olx पर सामान खरीदने व बेचने के नाम पर फ़्रॉड करना, यूट्यूब पर वीडियो लाइक करने के नाम/ टास्क बेस्ड कार्य के नाम पर फ़्रॉड व नौकरी दिलाने के नाम पर फ़्रॉड करने सहित अन्य साइबर अपराध की वारदातों को अंजाम देते है।
अगर किसी के पास कोई अज्ञात नम्बर से कॉल आती है तो उसको अपनी जैसे बैंक खाते,पैन, आधारकार्ड, की गोपनीय जानकारी ना दे।
• किसी भी विदेशी नम्बर से कॉल आए तो नजरअंदाज करे। व्हाट्सएप पर अनजान नम्बर से विडियो कॉल/कॉल आने पर नजरअंदाज करें।
• किसी की बहकावे में ना आए क्योकि यूट्यूब चैनल को लाइक और सब्सक्राइब करने पर पैसे नही मिलते।
• इस तरह के मेसेज भेजने वालो के नम्बर को ब्लैक लिस्ट में डाले। और 1930 पर उनकी रिपोर्टिंग करें।
• अगर आप से कोई आपकी डिटेल मांगे तो समझ लेना कि यह ठग का ही जाल है और आप शिकार है।
अगर आप साईबर ठगी का शिकार हो गए है तो गोल्डन ऑवर मे करे शिकायत
क्या है गोल्डन आँवर… साइबर ठगी के होने पर तुरंत गोल्डन ऑवर मे साईबर हेल्पलाइन 1930 पर साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराए। गोल्डन ऑवर में शिकायत करने पर साइबर ठगी के मामले में आपका पैसा अपराधियों के खाते में जाने से बचाया जा सकता है। इससे साइबर अपराधियों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया जाता है ताकि अपराधियों के बैंक खाते से आगे अन्य कई बैंक खाते में पैसे ना भेज सके।