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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार जे.सी. बोस विश्वविद्यालय

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 3 जनवरी। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2024) की मेजबानी के लिए तैयार है। सम्मेलन का आयोजन 4 से 8 जनवरी, 2024 तक किया जा रहा है। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत और विदेश से लगभग 300 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, इटली, जापान, ईरान, जर्मनी, पुर्तगाल और ब्राजील जैसे देशों से लगभग 30 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सोसायटी फॉर फ्यूजन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसएफएसटी) के सहयोग से और दक्षिण कोरिया, राजमंगला यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सुवर्णभूमि (आरएमटीएस), थाईलैंड, केटेंग कॉर्पोरेशन, गुरुग्राम विश्वविद्यालय, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सहित प्रमुख शिक्षण संगठनों के साथ साझेदारी में किया जा रहा है। सम्मेलन को डाइकिन एयर-कंडीशनिंग, एमवी इलेक्ट्रोसिस्टम्स लिमिटेड, बोनी पॉलिमर्स, दिल्ली बुक स्टोर, नरेंद्र बुक एजेंसी और वाईएमसीए माॅब द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने बताया कि यह दूसरी बार है जब विश्वविद्यालय बड़े स्तर पर इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने बताया कि आईएसएफटी-2024 का औपचारिक उद्घाटन 5 जनवरी, 2024 को होगा, जिसके बाद पूर्ण और तकनीकी सत्र होंगे। इस सत्र में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति डॉ. टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि होंगे, जबकि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र श्री कंवल जीत जावा, प्रबंध निदेशक और सीईओ, डाइकिन इंडिया उद्घाटन समारोह में सम्मानित अतिथि होंगे।
सत्र को डॉ. वारुनी श्रीसॉन्गक्रम, आरएमयूटी, थाईलैंड, लेक जी कडेली, यूनाइटेड स्टेट्स एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी, अमेरिका, प्रो. श्रीकांत बी जोनलागड्डा, क्वाजुलु-नटाल विश्वविद्यालय, दक्षिण अफ्रीका, प्रो. दिनेश कुमार, कुलपति, गुरूग्राम विश्वविद्यालय, गुरूग्राम, और डीटीयू, दिल्ली के प्रोफेसर नवीन कुमार भी संबोधित करेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की एलुमनी एसोसिएशन वाईसीएमए माॅब के अध्यक्ष सुखदेव सिंह भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन सत्र में सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की एक बार पुनः मेजबानी मिलना सम्मान की बात है। यह सम्मेलन अकादमिक एवं शोध संस्थानों, औद्योगिक विशेषज्ञों, प्रबंधकों, इंजीनियरों इत्यादि के लिए मंच उपलब्ध करवायेगा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मौजूदा चुनौतियों के लिए समाधान प्रदान करेगा। यह सम्मेलन शिक्षाविदों और उद्योग के बीच परस्पर सहभागिता को भी बढ़ावा देगा तथा हाल में विकसित नवीनतम प्रौद्योगिकीय अनुसंधानों को भी प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य की प्रौद्योगिकी का आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में फ्यूजन द्वारा नये अनुसंधान है। इसलिए, यह एक ऐसा विषय है, जिस पर व्यापक चर्चा और परस्पर संवाद की आवश्यकता है।
सम्मेलन के बारे में विस्तार से बताते हुए आईएसएफटी-2024 के संयोजक प्रोफेसर विक्रम सिंह ने बताया कि सम्मेलन के दौरान 10 तकनीकी सत्र होंगे, जिसमें भारत सहित अमेरिका, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, इटली, जापान, ईरान, जर्मनी, पुर्तगाल और ब्राजील सहित विभिन्न देशों के लगभग 250 शोधकर्ताओं के 200 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। सम्मेलन के दौरान एक पोस्टर प्रस्तुति भी आयोजित की जाएगी।
सम्मेलन के दौरान पांच प्लेनरी सत्र को विभिन्न देशों के 17 आमंत्रित वक्ता जोकि विभिन्न विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते है, संबोधित करेंगे और सम्मेलन की विषयवस्तु को लेकर शोध कार्यों एवं शोध संभावनाओं के बारे में चर्चा करेंगे। इस सत्रों की अध्यक्षता हरियाणा के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा की जाएगी, जिनमें श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल के कुलपति श्री राज नेहरू, डीसीआरयूएसटी, मुरथल के कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह और प्रो. एन.आर. बिश्नोई, कुलपति, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार शामिल हैं।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, पहले दिन शाम को तथा दूसरे दिन की सुबह सभी प्रतिभागियों का पंजीकरण किया जायेगा। दूसरे दिन उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी और प्लेनरी सत्र आयोजित किये जायेंगे, जोकि दो दिन तक चलेंगे। सम्मेलन के दौरान चैथे दिन प्रतिभागियों के लिए दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण का कार्यक्रम भी रखा गया है। इसके अलावा, प्रतिभागी विश्वविद्यालय में विभिन्न सुविधाओं एवं प्रयोगशालाओं का जायजा भी लेंगे और विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित नये इनोवेशन एवं स्टार्ट-अप अवधारणाओं पर चर्चा करेंगे।
सम्मेलन के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित नई तकनीकी एवं उपकरणों की एक प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी, जोकि सम्मेलन का मुख्य आकर्षण होगी। सम्मेलन से संबंधित जानकारी वेबसाइट विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.jcboseust.ac.inपर उपलब्ध करवाई गई है।
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