Faridabad NCR
पर्यटकों को खूब लुभा रहे स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 04 फरवरी। 37 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्त शिल्प मेला में सरस आजीविका पविलियन में सजे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार विभिन्न उत्पाद मेला देखने आ रहे पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं।
ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं के जीवन में बड़ा सामाजिक आर्थिक परिवर्तन ला रहा है। इस बार मेले में सभी हस्त शिल्पकार, कुशल कारीगर और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बढ़चढ़ कर भाग ले रहीं हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब विशेषकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे की दिशा में संकल्पबद्ध है। सरकार का वोकल फॉर लोकल के सिद्धांत को बढ़ावा देने का सपना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से साकार हो रहा है। आज महिलाएं वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने को साकार करने के लिए इन समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं। मेला में हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के स्वयं सहायता समूह अपने-अपने उत्पादों के साथ स्टॉलों पर मौजूद हैं। हरियाणा राज्य की बात की जाए तो स्टॉल नंबर-221 से लेकर 224 तक लगी स्टॉलों पर समूहों द्वारा उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। पर्यटक इन स्टॉलों पर प्रत्येक वस्तु की सुगमता के साथ खरीदारी कर रहे हैं।
इस बार मेला में स्वयं सहायता समूहों द्वारा अनेक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनपर पापड़, आचार, भुजिया, दरी, चद्दरें सहित अन्य उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। यही कारण है कि आज सरकार द्वारा शुरू किए गए ग्रामीण आजीविका मिशन का दायरा बढक़र हरियाणा राज्य के सभी जिलों के अंतर्गत आने वाले ब्लॉकों तक पहुंच गया है। सक्रिय रूप से महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने में मिशन कारगर साबित हो रहा है। सरस पैविलियन ग्रामीण महिला उत्पादकों को बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का सार्थक प्रयास
मिशन के नोडल अधिकारी शिवम तिवारी कहते हैं कि सरस आजीविका पैविलियन ग्रामीण महिला उत्पादकों को प्रत्यक्ष विपणन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का प्रयास है, ताकि ग्रामीण महिला उत्पादक बिना किसी बिचौलिए के अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि मंत्रालय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा अन्य उत्पादकों को अपने उत्पाद बेचने में प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण हाटों को प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए ऋण राशि बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य सामुदायिक संस्थाओं के वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करना और महिला सदस्य वाले परिवारों के आजीविका संसाधनों को मजबूत बनाना है।