Faridabad NCR
पीएम आवास योजना में दिव्यांग की अनदेखी से जीडीए पर सवाल
Ghaziabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : सरकार दिव्यांगजनों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएं चलाई जा रही हैं। उनके सपनों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीच-बीच में दिशा-निर्देश भी देते रहते हैं। लेकिन गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के कर्मचारी और अधिकारी इसकी परवाह नहीं करते। ताजा उदाहरण प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर है। करीब तीन साल पहले प्रताप विहार सेक्टर 11 के दिव्यांग अभिषेक ने पीएम आवास योजना की सभी शर्तें पूरी करते हुए एक आवेदन किया था पर आज तक उसे कोई जवाब नहीं दिया गया।
अभिषेक सुनता-बोलता नहीं है लेकिन देखता सब है। उसने 18 फरवरी 2021 को पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत (प्रताप विहार 904-41डी) स्कीम में ऑन लाइन आवेदन किया था। जीडीए की शर्तों के तहत 5000 (पांच हजार) रुपये भी जमा किए हैं। आवेदन संख्या जीडीए 20210218175628353 है। करीब चार महीने बाद खुद को डूडा का कर्मचारी बताकर एक-दो लोगों ने अभिषेक को फोन किया। उसके बाद दो युवक उसके घर जांच-पड़ताल करने आए। ओरिजनल पेपर देखे। मोबाइल से दस्तावेजों की फोटो खींची और एक दो फोटो कॉपी भी प्राप्त की। फिर चाय-नाश्ते के बाद चलते-चलते सपना दिखाना नहीं भूले- ‘आप तो पात्र व्यक्ति हैं। कागज भी सारे सही हैं। नियम-शर्तें आप पूरी करते हैं, आपको आवास जरूर मिलेगा।’
अभिषेक को लगा कि वाकई अब उसके सपने पूरे होंगे। उसका अपना घर होगा। सरकार वाकई दिव्यांगों के लिए बहुत अच्छा काम कर रही है। लेकिन वह दिन और आज का दिन, तब से कोई नहीं दिखाई पड़ा और न ही जीडीए ने कभी कोई सूचना दी। अभिषेक को यह तक बताना जरूरी नहीं समझा गया कि उसका आवेदन पीएम आवास योजना में शामिल किया गया या नहीं? अगर किन्हीं कारणों से आवेदन निरस्त कर दिया गया तो दिव्यांग अभिषेक की ब्याज सहित धनराशि वापस की जानी चाहिए थी। करीब तीन साल बाद वह भी आज तक जीडीए ने नहीं लौटाई।
दिव्यांग अभिषेक इस बीच दो-तीन बार जीडीए के चक्कर लगा चुका है। लेकिन कोई कुछ नहीं बताता। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि कहीं 904-41डी योजना में कोई घपला तो नहीं किया गया? इस योजना के तहत अब तक क्यों अभिषेक को आवास आवंटित नहीं किया गया? वह कौन सा कारण है जो उसे पीएम आवास योजना से वंचित करता है या फिर जीडीए अधिकारियों की कोई साठ-गांठ है?
सवाल और भी हैं- इसे क्या कहेंगे आप? लापरवाही, भ्रष्टाचार या फिर दिव्यांगजन की उपेक्षा? ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कब होगी कोई कार्यवाही? होगी भी या फिर वे इसी तरह दिव्यांगों की भावनाओं से खेलते रहेंगे? अभिषेक चूंकि बधिर है, इसलिए अपनी पीड़ा नहीं बता पाता। लेकिन जब से नए डीएम इंद्र विक्रम सिंह आए हैं और उन्होंने जीडीए का भी चार्ज लिया है, उसकी आंखों की चमक बढ़ गई है। दिव्यांग अभिषेक को फिर से लगने लगा है कि शायद अब उसकी सुनवाई होगी। वह पीएमएवाई के लिए उचित पात्र है और उसे पीएम आवास योजना के तहत आवास जरूर मिलेगा।