Faridabad NCR
सूरजकुंड मेले की सांस्कृतिक संध्या में मशहूर गायक कैलाश खेर ने जमाया रंग
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 17 फरवरी। सूरजकुंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हस्त शिल्प मेले में हर दिन कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई। इसी कड़ी में शनिवार की शाम कैलाश खेर के गानों ने मेले को चार चांद लगा दिए। मेला ग्राउंड के गेट नंबर-1 के पास बनाई गई नई चौपाल के मंच पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।
मेले के मंच ने शहर के लोगों में ऊर्जा भर दी। मेले में लोग शाम होने का इंतजार करते हुए भी दिखाई दिए। सबकी नजर फिल्म जगत के मशहूर गायक कैलाश खेर की एक झलक और उनकी आवाज से रूबरू होना चाहती थी तथा इंतजार की घडिय़ां खत्म होते ही शाम के समय सुरजकुंड मेले का माहौल कैलाश खेर की आवाज से सुरीला हो उठा। आध्यात्मिक गायक के रूप में विख्यात एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कैलाश खेर ने सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ अपने लोकप्रिय आध्यात्मिक भजन जाणा जोगी दे नाल के साथ किया। इससे पूर्व गेट नंबर-1 के नजदीक स्थापित की गई चौपाल का विधिवत उद्घाटन पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एम.डी. सिन्हा ने किया।
उसके बाद कैलाश खेर ने आवो जी आवो जी आवो जी, माशा अल्लाह तेरी सूरत, कैसे बताएं क्यों तुमको चाहें, मैं तेरी दीवानी, तौबा तौबा वे तेरी सूरत, माशा इ अल्लाह वे तेरी सूरत..मैं तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया जैसे मधुर गीतों की प्रस्तुतियां देकर सांस्कृतिक संध्या को रंगीन बना दिया। उनके मंच पर आते ही चारों ओर तालियों की गडग़ड़ाहट गूंज उठी। उन्होंने अपनी सुरीली आवाज से पहले गीत पर ही समा बांध दिया और एक से बढक़र एक गीतों की प्रस्तुति मंच से दी।
सुरजकुंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला हर वर्ष 2 फरवरी से 18 फरवरी तक 17 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है और वर्ष 1987 से हर साल इसका आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त राकेश आर्य, डीसी विक्रम सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग व्यक्ति मौजूद रहे।