Faridabad NCR
मानव रचना में एचआर राउंड टेबल के तीसरे संस्करण का आयोजन हुआ, चार सत्रों में प्रतिष्ठित कंपनियों से विशिष्ट प्रतिनिधियों ने की चर्चा
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 19 फरवरी। मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) में शनिवार को स्कूल ऑफ लीडरशिप एंड मैनेजमेंट की ओर से एचआर राउंड टेबल के तीसरे संस्करण का आयोजन हुआ। “फ्यूचर रेडी-डिकोडिंग द वे फॉरवर्ड” विषय पर हुए इस कार्यक्रम में देशभर की प्रतिष्ठित कंपनियों से विशिष्ट प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. अमित भल्ला, उपाध्यक्ष, एमआरईआई ने कहा, ‘मानव रचना में इनोवेशन और नए स्टार्टअप को बढ़ावा देकर युवाओं को हुनरमंद बनाया जाता है, जिससे कि उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक भावी पेशेवर तैयार हो सकें । एचआर राउंड टेबल जैसे कार्यक्रम का मकसद विभिन्न उद्योगपतियों और प्रतिभागियों को एक मंच पर लाकर अहम विषयों से जुड़े सवालों के जवाब तलाशना है।’
कार्यक्रम के मेंटर रहे डॉ. एस.वाई. सिद्दीकी, चेयरमैन, स्ट्रैटेजिक मेंटरिंग बोर्ड, एमआरईआई व पूर्व कार्यकारी सलाहकार, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने कहा, ‘बदलती चुनौतियों के साथ बदलाव जरूरी है। हर परिस्थिति में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए संगठनों को लचीलेपन और दक्षता के साथ अनुकूल नेतृत्व के माध्यम से कार्य संस्कृति को बदलना चाहिए।’
इसके बाद बतौर मुख्य भाषण में श्री अजय मेहता – पूर्व सीईओ, नोकिया मोबाइल्स (एपीएसी) पार्टनर, एसवीपी इंडिया ने कहा कि, ‘गतिशील कार्यस्थल आज की जरूरत है और कार्यबल की ज़रूरतों के हिसाब से संगठनों को बदलना चाहिए। पेशेवरों के लिए जहां आधुनिक हाइब्रिड कार्य मॉडल में अपस्किलिंग बेहद जरूरी है, वहीं लीडरशिप स्तर पर नेतृत्व के साथ सहानुभूति, विश्वास और पारदर्शिता जैसे गुणों का समावेश चाहिए।’
कार्यक्रम के दौरान कुल चार सत्रों में पैनल चर्चा हुई जिसमें वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर विचार और सुझाव साझा किए। पहले सत्र में “कार्य का भविष्य (कार्य, कार्यस्थल और कार्यबल)” विषय पर चर्चा हुई। मॉडरेटर की भूमिका निभाते हुए श्री दीपक धवन , सीईओ और संस्थापक, टैलेंटनिक एचआर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, ‘ नवाचार और नेतृत्व सामने आने वाली जटिल चुनौतियों को दूर करने के प्रमुख साधन हैं। पिछले दशक में सभी स्तरों पर हमने जो तेजी से विकास देखा है, वह देश के लिए नई उम्मीद है।’ पैनल में श्री अनुराग मलिक, पार्टनर, अर्न्स्ट एंड यंग और श्रीमती सीमा बंगिया, उपाध्यक्ष व मुख्य लोक अधिकारी, महिंद्रा एयरो एंड डिफेंस सेक्टर, महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल रहे।
दूसरा सत्र “समय से पूर्व कौशल विकास: उच्च शिक्षा की भूमिका” विषय पर हुआ, जिसमें मॉडरेटर की भूमिका निभाते हुए एमआरआईआईआरएस के उपकुलपति प्रोफेसर (डॉ.) संजय श्रीवास्तव ने कहा,‘आज के दौर में उच्च शिक्षा की भूमिका समग्र और सामाजिक विकास के साथ नैतिक नेतृत्व को बढ़ावा देने की भी है। एआई युग में भी भावनात्मक बुद्धिमत्ता और पारस्परिक कौशल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।’ पैनल में टेक महिंद्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मानव संसाधन, श्री अभिषेक तिवारी, एमआरवीपीएल की चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी डॉ. गौरी भसीन और डीन, इंडस्ट्री कनेक्ट, मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई), गुड़गांव प्रो. (डॉ.) सुमिता राय ने चर्चा की।
तीसरे सत्र में “बहु-पीढ़ीगत कार्यबल का प्रबंधन” विषय पर बतौर मॉडरेटर श्री केएस बख्शी, ग्रुप हैड-मानव संसाधन इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज ने कहा, ‘एक ऐसा वातावरण तैयार करना जरूरी है जहां नवाचार व विकास के लिए कार्यबल को उचित माहौल मिले। बहु-पीढ़ी वाले कार्यबल के प्रबंधन के लिए विभिन्न आयु वर्गों की प्राथमिकताओं, मूल्यों और सीमाओं के बीच संतुलन रखना चाहिए।’ पैनल में श्रीमती किरण सिंह, प्रमुख-मानव संसाधन, मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रा. लिमिटेड और श्री सलिल बिहारी लाल, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड शामिल रहे।
चौथे सत्र में “जीवन में पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन का समावेश” विषय पर श्री इंद्रजीत सिंह, पार्टनर, वित्तीय सलाहकार डेलॉइट इंडिया और डॉ. धीरज वर्मा एवीपी – एचएसई और सस्टेनेबिलिटी ऑपरेटिंग सिस्टम- हाई वोल्टेज – ग्लोबल, हिताची एनर्जी टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने विचार रखे। मॉडरेटर के तौर पर डॉ. सुरेश त्रिपाठी, मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, एयर इंडिया ने कहा,‘पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) आज के दौर में व्यावसायिक योजनाओं का मुख्य बिंदु है और सभी हितधारकों को प्रभावित करता है। व्यावसायिक लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए सामुदायिक आवश्यकताओं और पर्यावरणीय हितों पर भी फोकस होना चाहिए।’
समापन सत्र में श्रीमती प्रीति बजाज, सीईओ और प्रबंध निदेशक, ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने उद्योगों के रुझानों पर चर्चा करते हुए भविष्य में तरक्की के लिए जरूरी कौशल और सतत प्रयासों जैसे बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
श्री राजीव कपूर, एमडी, एमआरईआई ने कहा कि, ‘एचआर राउंड टेबल ने उद्योग जगत के सम्मानित प्रतिनिधियों और प्रतिष्ठित दिग्गजों को अपने अनुभव और रणनीतिक दूरदर्शिता को साझा करने का मंच दिया है। इस दौरान रखे गए बहुमूल्य विचार भविष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण नीतियां बनाने में मददगार साबित होंगे।‘
समापन सत्र में श्री राजीव दुबे- मेंटर, एचआर राउंड टेबल; चेयरमैन, महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स लिमिटेड; सदस्य, गवर्निंग बॉडी-अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, जिनेवा ने कहा, ‘एचआर राउंड टेबल का यह संस्करण, अग्रणी उद्योग पेशेवरों और शिक्षाविदों के नजरिए से उन सवालों के जवाब तलाशता है, जिनसे न्यू नॉर्मल के साथ आगे बढ़ने की तैयारी करते हुए संगठन जूझ रहे हैं।’
मानव रचना एचआर राउंड टेबल प्रोफेसर डॉ. दीप्ति डबास हज़ारिका, डीन, स्कूल ऑफ लीडरशिप एंड मैनेजमेंट की देखरेख में आयोजित किया गया। इसमें प्रसिद्ध उद्योगों के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर उनके अनुभवों, दूरदर्शी सोच, नवीन दृष्टिकोण व विशिष्ट कार्यों को साझा करने का मौका दिया, जिससे संगठनों को भविष्य के लिए प्रभावशाली रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।